advertisement
देश में भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या यानी मॉब लिंचिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इन घटनाओं से कानून व्यवस्था पर तो सवाल उठ ही रहे हैं. मगर साथ ही यह भी साफ हो रहा है कि किस तरह लोग कानून को अपने हाथ में लेने से नहीं डर रहे. जून में मॉब लिंचिंग की जो घटनाएं हुई हैं, उनमें से कई घटनाओं में चोरी के शक में पीट-पीटकर हत्या की गई है.
मॉब लिंचिंग का ताजा मामला झारखंड से सामने आया है, जहां तबरेज अंसारी नाम का 24 वर्षीय शख्स इसका शिकार बना और उसकी मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, कथित चोरी को लेकर इस शख्स के साथ भीड़ ने मारपीट की थी. इस मारपीट का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें कुछ लोग तबरेज को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिख रहे थे.
पश्चिम बंगाल के एक 26 वर्षीय मदरसा टीचर हाफिज मोहम्मद शाहरुख हलदार का आरोप है कि 'जय श्री राम' का नारा न लगाने पर उन्हें 20 जून को लोगों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया.
अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हलदार ने बताया कि यह घटना तब हुई जब ट्रेन धकुरिया और पार्क सर्कस स्टेशन के बीच थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लोगों के समूह ने उन्हें पार्क सर्कस स्टेशन पर ट्रेन से धक्का दे दिया. हालांकि गनीमत यह रही कि भीड़ की हिंसा का शिकार हुए हलदार की जान किसी तरह बच गई. वरना हमलावरों ने उनकी लिंचिंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.
गुजरात के बोताड़ जिले में 19 जून को दलित सरपंच के पति और डिप्टी सरपंच मांजीभाई सोलंकी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 6 लोगों ने लाठियों और पाइपों से मांजीभाई को पीटा. यह घटना उस समय हुई थी जब मांजीभाई अपनी मोटरसाइकिल से रणपुर-बरवाला सड़क से गुजर रहे थे.
घायल होने के बाद आखिरी सांस लेने से पहले मांजीभाई सोलंकी ने अपने एक संबंधी को फोन किया था. इस दौरान उन्होंने बताया था कि उनकी बाइक को एक कार ने टक्कर मार दी थी और इसके बाद उस कार में सवार लोगों ने उनकी पिटाई की. मांजीभाई का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह लगभग बेहोशी की हालत में दिख रहे थे.
15 जून को हुई यह घटना रोहिणी के प्रेम नगर इलाके की थी, जिसमें एक 23 वर्षीय शख्स को मोबाइल चोरी के शक में पीटा गया. पुलिस के मुताबिक, इस घटना की सूचना मिलने के बाद जब वह मौके पर पहुंची तो उसे एक शख्स जमीन पर बेहोश पड़ा मिला, जिसके शरीर पर चोट के निशान थे. इस शख्स को संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
अमित के मुताबिक, 15 जून की शाम को वही लड़का (संदिग्ध चोर) अपने एक साथी के साथ दुकान के पास दिखा. इसके बाद अमित ने अपने पड़ोसियों की मदद से उस लड़के को पकड़ लिया. पुलिस के मुताबिक, कई लोगों ने पकड़े गए लड़के को पीटा. जब वह बेहोश होने लगा था, तब अमित ने पुलिस को कॉल की थी.
उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में 13 जून को एक 38 वर्षीय शख्स अनिल उर्फ पिंटू को बांधकर बुरी तरह पीटा गया. इस पिटाई के चलते पिंटू की मौत हो गई. पिंटू को पीटे जाने का एक वीडियो भी सामने आया था. इस वीडियो में एक सिक्योरिटी गार्ड अपने साथियों के साथ मिलकर पिंटू की पिटाई करता दिखा रहा था. पिंटू के घरवालों का कहना है कि वो फैक्ट्री में अपने पैसे मांगने गया था, जिसके बाद उसकी पीट पीटकर हत्या कर दी गई.
इस मामले पर सीओ मोदीनगर केपी मिश्रा ने बताया था, ''एक शख्स की पिटाई का मामला सामने आया है. कुछ लोगों ने इस शख्स के हाथ-पैर बांधकर पिटाई की, जिसके बाद उसकी संदिग्ध हालत में मौत हो गई.''
जून की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित मानिकतला में एक 35 वर्षीय व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या कर दी गई. इस व्यक्ति को करीब एक दर्जन लोगों ने चोरी के शक में पीटा था. इस मामले की सूचना पाकर जब पुलिस मौके पर पहुंची थी तो उसे पीड़ित की लहूलुहान लाश एक बंद पड़े क्लब के अंदर फर्श पर पड़ी मिली थी. पुलिस को शव के पास खून से सने क्रिकेट बैट और बांस के कई डंडे मिले भी थे.
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया- स्थानीय लोगों के मुताबिक, 5 जून को सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास उन्हें 'चोर-चोर' की आवाजें सुनाई दीं. उन्होंने एक व्यक्ति को देखा जो एपीसी रोड पर हरिशा हाट में अक्सर रविवार और बुधवार को नजर आता था. कुछ लोगों को उसके चोर होने का शक था. 5 जून को वह उल्टाडांगा मेन रोड पर एक ऑटो में कुछ कपड़े रखकर जा रहा था. कुछ लोगों ने उसे रोक कर ऑटो से खींचा और कपड़ों की रसीद मांगी. वह रसीद नहीं दे पाया तो लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया.
उस व्यक्ति को तब तक पीटा गया, जब तक वो बेहोश नहीं हो गया. उसके बेहोश होने पर डॉक्टर को बुलाया गया. जब डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया तो लोग डर गए और उन्होंने व्यक्ति की लाश क्लब के अंदर बंद कर दी.
ये भी देखें: लिंचिंग के बाद क्या होता है? ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ थामता है हाथ
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)