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मुजफ्फरनगर के खतौली में पुरी-हरिद्वार-उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में 23 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 65 यात्री घायल हो गए. बीते कुछ सालों में अकेले यूपी में ही आधा दर्जन रेल दुर्घटनाएं हुईं हैं, जिनमें करीब दो सौ यात्रियों की मौत हुई है और सैकड़ों यात्री घायल हुए हैं.
आइए अकेले यूपी में हुई रेल दुर्घटनाओं पर डालते हैं एक नजरः
यूपी के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हादसा रात करीब 2 बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच हुआ था . हादसे की वजह से इलाहाबाद-झांसी रूट प्रभावित हुआ था.
मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे 15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में करीब 10 लोग घायल हुए थे. हादसा मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घायल यात्रियों के लिए 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी.
इससे पहले 20 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन भी पटरी से उतर गई थी. हादसे में करीब 150 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे के पीछे साजिश की जांच भी जारी है.
28 दिसबंर 2016 की सुबह कानपुर में रूरा रेलवे स्टेशन के पास सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में सौ से ज्यादा यात्री घायल हुए थे. हादसे के कारण दिल्ली आने वाली 20 से ज्यादा ट्रेनों को पिछले स्टेशनों पर रोका गया था.
20 मार्च 2015 को रायबरेली के बछरांवा के पास जनता एक्सप्रेस 14266 के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे, इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे.
26 मई 2014, उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखधाम एक्सप्रेस ने एक खड़ी मालगाड़ी में टक्कर मार दी थी. इस हादसे में तकरीबन दो दर्जन लोग मारे गए थे. यह हादसा उसी दिन हुआ था, जिस दिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
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