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भारत की रीना का पाकिस्तान में फूल-ढोल से स्वागत,75 साल बाद देखा अपना पुश्तैनी घर

92 साल की रीना वर्मा 1947 में बंटवारे के बाद पहली बार अपने घर पहुंचीं

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>रीना वर्मा 1947 के बाद पहली बार पाकिस्तान अपने घर पहुंची</p></div>
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रीना वर्मा 1947 के बाद पहली बार पाकिस्तान अपने घर पहुंची

फोटो-डीडब्लू डॉट कॉम 

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75 साल बाद जब भारत की 92 साल की रीना वर्मा पाकिस्तान स्थित अपने पुश्तैनी घर पहुंची तो उनके पड़ोसियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. 92 साल की रीना वर्मा 1947 में बंटवारे के बाद पहली बार अपने घर पहुंची. पाकिस्तान पहुंचने पर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि दोनों देशों के युवाओं को सद्भाव और शांति के साथ रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोनों देशों का एक ही कल्चर और एक जैसी चीजें हैं, तो ऐसे में दोनों देशों के युवाओं को मिलकर रहना चाहिए. क्विंट से बातचीत में उन्होंने अपनी कई यादों का साझा किया.

रीना वर्मा 20 जुलाई को पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित अपने घर पहुंची तो उनके पड़ोसियों ने उनका फूलों से स्वागत किया, इसके साथ ही उनके पड़ोसियों ने ड्रम बजाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान रीना वर्मा ढोल की धुन पर जमकर नाचीं. पाकिस्तान जाने से पहले उन्होंने द क्विंट को बताया कि 1947 के पार्टिशन में कैसे उनका परिवार अलग हो गया था. उन्होंने बताया कि,

जब वह 15 साल की थीं तब उनके परिवार को पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

रीना वर्मा ने अपनी यादों को साझा करते हुए बताया कि बचपन में उनके 6 भाई-बहन उन्हें तोषी बुलाते थे, लेकिन विभाजन ने तोषी की तरह कई परिवारों के लिए सबकुछ बदल दिया.

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रीना वर्मा ने बताया कि मार्च 1947 में 15 साल की उम्र में उन्हें भाई-बहनों के साथ सोलन भेज दिया गया. इसके बाद जुलाई, 1947 में उनके माता-पिता भी हालात खराब होने के कारण उनके साथ आ गए. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त, 1947 को माल रोड पर तिरंगा फहरते देखने के लिए वह सोलन से शिमला 15 किलोमीटर पैदल चलकर आईं थीं.

रीना वर्मा भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेडों में से एक की हिस्सा थीं. उन्हें 1963 में पाकिस्तान में अपने घर देख आने का ऑफर मिला लेकिन वो नहीं जा पाईं.

2021 में एक फेसबुक ग्रुप के जरिए उन्हें अपने बचपन के घर की झलक देखने को मिली. उस फेसबुक ग्रुप का नाम था भारत-पाक हेरिटेज क्लब'और मई 2022 में रीना वर्मा को पाकिस्तान का वीजा मिला.

रीना वर्मा भारत में पुणे में रहती हैं. उन्होंने अपने शौक के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्हें गाना, डांस और तलत महमूद के गाने सुनना वैसे ही पंसद है जैसे वह पाकिस्तान के रावलपिंडी में अपने बचपन के घर में सुना करती थींं. जिंदगी के 9 दशक देख चुकीं रीना वर्मा के लिए इंसानियत किसी भी धर्म से ऊपर है.

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