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मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) टेक, कम्युनिकेशन, रिटेल के बाद अब ग्रीन एनर्जी (Green Energy) में भी हाथ आजमाने जा रहे हैं. 24 जून को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की एनुअल जनरल मीटिंग (Reliance AGM) में अंबानी ने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़े निवेश का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि कुल 75,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
RIL की 44वीं AGM के दौरान, अंबानी ने कहा कि निवेश चार गीगा कारखानों की स्थापना में किया जाएगा. अंबानी ने कहा कि कंपनी ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है. ये दुनिया में सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण सुविधाओं में से एक होगी.
नवीकरणीय स्रोतों से बनी एनर्जी के स्टोरेज के लिए कंपनी अत्याधुनिक एनर्जी स्टोरेज बैटरी मैन्युफेक्चरिंग प्लांट लगाएगी. बिजली के अलावा रिलायंस की ग्रीन हाइ्ड्रोजन के उत्पादन की भी योजना है, जिसका उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में हो सकता है.
एक अन्य पहल फ्यूल सेल गीगा फैक्ट्री के साथ की गई है. अंबानी ने कहा, "2016 में हमने भारत में डिजिटल डिवाइड को पाटने के उद्देश्य से जियो लॉन्च किया था. अब 2021 में हम भारत और विश्व स्तर पर ग्रीन एनर्जी की खाई को पाटने के मकसद से अपना नया एनर्जी कारोबार शुरू कर रहे हैं."
भारत ही नहीं दुनियाभर में क्लीन एनर्जी के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. कार्बन एमिशन कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र लगातार कह रहा है.
हालांकि, फाइनेंस की दिक्कत और इंपोर्ट पर निर्भरता भारत को लक्ष्य से पहुंचने से रोकते हैं. भारत अभी 80 फीसदी सोलर सेल और मॉड्यूल जरूरत चीन से पूरा करता है. यहां पर रिलायंस काम आ सकता है.
रिन्यूएबल एनर्जी बिजनेस में एंट्री के साथ ही रिलायंस का मुकाबला अदानी ग्रीन एनर्जी और गोल्डमैन सैक्स का समर्थन प्राप्त ReNew Power से होगा. हालांकि, 2030 तक रिलायंस के 100GW सोलर एनर्जी स्थापित करने का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है और भारत के लक्ष्य के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है।
ग्रीन एनर्जी ऐसी एनर्जी को कहा जाता है जो प्राकृतिक संसाधनों से मिलती हो, जैसे कि धूप, हवा या पानी. ये अधिकतर रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स से मिलती है.
इस एनर्जी से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. हालांकि, रिन्यूएबल एनर्जी को ग्रीन एनर्जी भी कहा जाता है लेकिन इस मुद्दे पर बहस चलती रहती है. ग्रीन एनर्जी को इसलिए प्रमोट किया जा रहा है क्योंकि इससे फॉसिल फ्यूल की तरह नुकसानदायक ग्रीनहाउस गैस न के बराबर या बिलकुल पैदा नहीं होती है.
मार्केट रिसर्च कंपनी फैक्ट्स एंड फैक्टर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी मार्केट 2019 में 108.9 करोड़ डॉलर का था. 2026 तक इसके 191 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
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