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भारत के 75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों इस बार के मुख्य अतिथि हैं. 25 जनवरी यानी आज इमैनुएल मैक्रों अपने इस दो दिवसीय यात्रा पर जयपुर पहुंचेंगे. इस दौरान वह राजस्थान के कुछ विरासत स्थलों के दौरे करेंगे. इसके अलावा वह एक रोड शो के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शामिल होंगे.
राजस्थान में दिन भर इमैनुएल मैक्रों आमेर किले का दौरा करेंगे, जहां एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
पीएम मोदी यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जंतर-मंतर के दौरे में उनके साथ शामिल होंगे. दोनों नेता साथ में जंतर मंतर और जयपुर के हवा महल जैसे कुछ पर्यटक स्थलों पर जाएंगे. इसके बाद दोनों जंतर-मंतर से सांगानी गेट तक एक संयुक्त रोड शो में हिस्सा लेंगे और हवा महल में रुकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें हवा महल में जयपुर की विशेष मसाला चाय मिलेगी और वे ब्लू पॉटरी और प्रसिद्ध जड़ाऊ काम जैसी हस्तशिल्प वस्तुएं ले सकते हैं, जिसके लिए वे भीम यूपीआई से भुगतान करेंगे. विशेष व्यक्तियों को देखने के लिए हवा महल के निकट हस्तशिल्प कियोस्क स्थापित किए गए हैं.
रामबाग पैलेस में मैक्रों के लिए एक निजी रात्रिभोज की भी योजना बनाई गई है.
मैक्रों रात में दिल्ली के लिए रवाना होंगे. यहां 26 जनवरी को राष्ट्रपति मैक्रों गणतंत्र दिवस परेड में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमैनुअल मैक्रों के बीच जयपुर में होने वाली बैठक में रक्षा और सामरिक क्षेत्रों पर बात हो सकती है. उम्मीद है कि होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में भारत की 26 राफेल लड़ाकू विमानों और तीन स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की प्रस्तावित खरीद पर भी चर्चा होगी. फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है.
इसके साथ-साथ भारतीय छात्रों के अप्रवास को बढ़ावा देने वाली पहलों पर भी बात होगी. राष्ट्रपति मैक्रों ने ऐलान किया था कि फ्रांस 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों का अपने देश में पढंने के लिए वीजा देंगे. वहीं व्यापारिक संबंधों और निवेश को बढ़ावा दिए जाने पर बात होने की संभावना है.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति आखिरी बार सितंबर 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे. इससे पहले साल 2018 में मैक्रों ने भारत का राजकीय दौरा किया था. इमैनुअल मैक्रों छठे फ्रांसीसी राष्ट्रपति होंगे जो गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
फ्रांस के राष्ट्रपति से पहले भारत की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने का न्योता दिया गया था. जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि वह नहीं आ सकते तो नई दिल्ली ने पेरिस को फोन किया था.
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