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बॉम्बे हाई कोर्ट का फैसला होमबायर्स के लिए राहतभरी खबर लेकर आया है. हाई कोर्ट ने कहा है कि रियल एस्टेट रेग्युलेटरी एक्ट (RERA) मौजूदा प्रोजेक्ट्स पर भी लागू होगा. संसद से मंजूरी मिलने के बाद अब RERA की संवैधानिक वैधता को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा है.
होमबायर्स के साथ साथ हाई कोर्ट ने बिल्डर्स को भी RERA के तहत प्रोजेक्ट्स पूरे करने की डेडलाइन को लेकर राहत दी है. कुछ मामलों में बिल्डर्स को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा.
बिल्डर्स ने खास तौर पर RERA के सेक्शन 3 को लेकर आपत्ति जताई थी, इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने होमबायर्स को राहत देते हुए फिलहाल चल रहे प्रोजेक्ट्स पर REA लागू किए जाने का आदेश दिया है.
इस पर आपत्ति जताते हुए बिल्डर्स ने कहा कि उन्हें चल रहे प्रोजेक्ट्स पर रेरा लागू होने से नुकसान उठाना पड़ेगा. इस पर कोर्ट ने बिल्डर्स को प्रोजेक्ट कंप्लीट करने के लिए एक साल तक की छूट देने का फैसला सुनाया.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बिल्डर्स को RERA के तहत प्रोजेक्ट्स की डेडलाइन को लेकर राहत दी है. रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रोजेक्ट के प्रमोटर की ओर से दी गई डेडलाइन में अब बिल्डर्स को एक साल तक की छूट मिल सकेगी. हालांकि, यह छूट अलग-अलग मामलों में अलग-अलग तय की जाएगी.
कोर्ट ने अपने फैसले में बिल्डर्स के लिए काफी गुंजाइश रखते हुए राज्य स्तरीय RERA अथॉरिटी और ट्रिब्यूनल से कहा है कि वे प्रोजेक्ट्स में देरी के मामलों में अलग-अलग आधार पर विचार करें. साथ ही उन मामलों में किसी प्रोजेक्ट या बिल्डर का रजिस्ट्रेशन रद्द न किया जाए, जिनमें देरी की वजह कोई विशेष कारण हो.
बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले से यूपी, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों के होम बायर्स को भी मदद मिलेगी. बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद इन राज्यों के होम बायर्स उन नियमों को चुनौती दे सकेंगे, जिनके तहत बिल्डर्स को प्रोजेक्ट में देरी पर राहत दी गई है.
बिल्डरों की मनमानी को रोकने के लिए बनाए गए RERA कानून को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सही ठहराया है. जस्टिट नरेश पाटिल और राजेश केतकर की बैंच ने कई रियल एस्टेट डेवलपर्स की याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया. महाराष्ट्र में इस साल एक मई से RERA लागू किया गया था. इसके तहत अब तक 14 हजार प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन हो चुका है.
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