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प्रयागराज में पिछले साल बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का काफिला रोककर उन्हें काला झंडा दिखाने वाली रिसर्च स्कॉलर नेहा यादव को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया है. बीएचयू की टॉपर रही नेहा यादव पर राजनीति चमकाने के लिये यूनिवर्सिटी का माहौल बिगाड़ने के आरोप हैं.
जबकि निलंबित शोध छात्रा नेहा यादव का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं के इशारे पर उसे ‘रोहित वेमुला’ बनाने की कोशिश में हैं. लेकिन वह कतई झुकेगी नहीं और इस मामले को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक लेकर जाएगी और साथ ही इंसाफ पाने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी भी दाखिल करेगी. नेहा यादव बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी की टॉपर रही हैं और उन पर तीन साल पहले बीएचयू में हुए हंगामे में शामिल होने का भी आरोप है.
पिछले महीने साफ-सफाई के लिए हॉस्टल को खाली कराया जा रहा था. जिसका नेहा ने विरोध किया और तकरीबन सभी छात्राओं को साथ लेकर गर्ल्स हॉस्टल के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, इस बीच कुछ देर के लिए सड़क पर जाम जैसी स्थिति बन गई. इसी को आधार बनाकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 29 मई को नेहा को निलंबित कर दिया और उसके हॉस्टल कैंपस में घुसने पर पाबंदी लगा दी. नेहा को 14 प्वाइंटर नोटिस दिया गया है.
इस मामले में यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राम सेवक दुबे का कहना है कि नेहा यादव सियासी तौर पर बेहद महत्वाकांक्षी है और इसीलिए उसने अमित शाह को काला झंडा दिखाया था और वह कैंपस का माहौल खराब कर रही हैं.
देश के गृहमंत्री अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर पिछले साल जुलाई महीने में गुरु पूर्णिमा के मौके पर प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए थे. इस दौरान नेहा ने एक अन्य छात्रा के साथ मिलकर न सिर्फ अमित शाह के काफिले को रोक लिया था, बल्कि उन्हें काले झंडे भी दिखाए थे. काफिला रोककर काला झंडा दिखाने पर अमित शाह के सुरक्षाकर्मियों ने नेहा की डंडे से पिटाई की थी और दोनों को जेल जाना पड़ा था.
नेहा यादव ने साल 2016 में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एमएससी की पढ़ाई पूरी की. एमएससी में टॉपर रही हैं. 2017 में BHU में छात्राओं के साथ छेड़खानी को लेकर शुरू हुए आंदोलन में भी नेहा शामिल थीं. ये आंदोलन इतना बढ़ा कि BHU के वाइस चांसलर जी.सी. त्रिपाठी को हटना पड़ा.
फिलहाल नेहा यादव के निलंबन का मामला अब विवादों में घिरता नजर आ रहा है और आने वाले दिनों में इस पर सियासी रंग भी चढ़ा सकता है.
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