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आरक्षण के मुद्दे पर संसद में सोमवार को हंगामा मचा. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर एक टिप्पणी की थी. जिसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है और प्रमोशन में आरक्षण का दावा करने का कोई मूल अधिकार नहीं है.
प्रियंका गांधी वाड्रा आरोप लगाया कि बीजेपी आरक्षण को खत्म करने की कोशिश में है. प्रियंका ने ट्वीट किया,
एसपी नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि SC के फैसले की नौकरियों और प्रमोशन के लिए आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं ये फैसला संविधान के खिलाफ है.
वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला लेना कि आरक्षण मौलिक
अधिकार नहीं है, बहुत ही अफसोस की बात है. साथ में ये कहना कि ये राज्य सरकार का अधिकार है कि वो नियुक्ति में आरक्षण दे सकती है या नहीं दे सकती, जबकि इसमें राज्य सरकार को कोई अधिकार नहीं है.
वहीं एनडीए के सहयोगी एलजेपी नेता चिराग पासवान ने कहा कि आरक्षण किसी को मिली हुई खैरात नहीं है, यह संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यह मौलिक अधिकार नहीं है. हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज करते हैं.
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