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एक सीनियर अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि भारत में अवैध तरीके से रह रहे चालीस हजार रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत वापस भेजेगा. इनमें वो लोग भी शामिल हैं जिनका यूएन में रजिस्ट्रेशन भी है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने पिछले हफ्ते ही सभी तरह के अवैध प्रवासियों जिनमें रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल थे, उन्हें वापस भेजने की बात कही थी.
लेकिन पिछले हफ्ते किरन रिजिजू ने इन रजिस्ट्रेशन्स को बेमतलब बताया था. रिजिजू ने कहा था,
वहीं सोमवार को यूएनएचसीआर की ओर से कहा गया कि इंटरनेशनल कस्टमरी लॉ के मुताबिक रिफ्यूजी को उन इलाकों में वापस नहीं भेजा जा सकता है, जहां उनकी जान को खतरा है. किसी देश के रिफ्यूजी कंवेंशन पर साइन करने का इससे कोई लेना देना नहीं है. हर देश को ये मानना ही होगा.
रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यानमार के सैनिक शासन के दौरान निशाने पर लिया गया . उन्हें म्यानमार की सिटीजनशिप नहीं दी गई. जबकि रोहिंग्यों सदियों से म्यानमार में रहते आए हैं. लेकिन म्यांमार उन्हें बांग्लादेशी मानता है. रोहिंग्या समुदाय के लोगों को बड़े पैमाने पर हिंसा का भी सामना करना पड़ा है.
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