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रोहतक गैंगरेप केस: पीड़िता के बयान दर्ज, लेकिन केस उलझा
सूत्रों के मुताबिक, अपने बयान में पीड़िता किडनेपिंग के लिए इस्तेमाल हुई कार का रंग नहीं बता पाई.
प्रशांत चाहल
भारत
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पीजीआई रोहतक में भर्ती है पीड़िता, हालात में अब सुधार. (फोटो: प्रशांत चाहल)
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रोहतक के ‘डबल गैंगरेप केस’ में शनिवार को एक बड़ा डेवलपमेंट हुआ.
पुलिस के मुताबिक, करीब 21 साल की स्टूडेंट (पीड़िता) ने सीआरपीसी की धारा-164 के तहत सिटी मजिस्ट्रेट खुशबू गोयल को अपने बयान दर्ज करवाए और 13 जुलाई, 2016 को हुए कथित गैंगरेप के लिए भिवानी जिले के उन्हीं 5 आरोपियों (अमित, जगमोहन, संदीप, मौसम और आकाश) को गुनहगार ठहराया, जिन्होंने पीड़िता के साथ अक्टूबर, 2013 में भी कथित तौर पर गैंगरेप किया था.
पीड़िता के मुताबिक, आरोपियों ने 13 जुलाई को उसे रोहतक शहर के अंबेडकर चौक और आईसी कॉलेज के बीच से किडनेप किया. उसका रेप किया. फिर उसे बेसुध हालत में रोहतक-गोहान बाईपास रोड पर फेंक कर चले गए.
सूत्रों के मुताबिक, अपने बयान में पीड़िता किडनेपिंग के लिए इस्तेमाल हुई कार का ना तो नंबर बता पाई, ना ही कार का रंग और ना ही कार का मार्का.
उसके बाद रोहतक पुलिस ने पीड़िता को नशे की हालत में पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, पीड़िता की तबियत में अब काफी सुधार है.
दूसरी तरफ, सभी आरोपों को बेबुनियाद बता रहे पांचों आरोपियों के परिजनों ने करीब 500 लोगों के साथ शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया और ऐलान किया कि उनके बच्चों को अगर गलत ढंग से इस केस में फंसाया गया, तो वे आत्मदाह करेंगे.
इससे पहले शुक्रवार को आरोपी परिवार ने रोहतक शहर में भी प्रोटेस्ट किया. (फोटो: द क्विंट)
केस की पुलिसिया जांच पूरी होने (चार्जशीट बनने) से पहले ही पीड़िता के परिवार को हरियाणा सरकार ने 4 लाख 12 हजार 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है.
इस बीच ‘द क्विंट’ ने पीड़िता और उसके परिवार से बात की. साथ ही उन परिवारों से भी बात की, जो आरोपियों से संबंधित हैं. इसके अलावा प्रशासन और पुलिस से बात कर, शनिवार तक के अपडेट्स के आधार पर पूरे मामले की एक रूपरेखा तैयार की.
पांचों आरोपी, एक बार फिर!
जब दोबारा गैंगरेप हुआ, तब 3 अपराधियों को चंडीगढ़ हाई-कोर्ट से समन मिले हुए थे. 2 आरोपी बेल पर बाहर आए हुए थे. इन्होंने पहले से प्लान तैयार कर रखा था कि कैसे दोबारा घटना को अंजाम देना है. अमित और जगमोहन ने पीड़िता को जबरन नशा भी दिया और फिर गला दबाकर मारने की कोशिश की. गैंगरेप करने के बाद पांचों ने मेरी बहन को मरा समझ गोहाना रोड पर बने पावर हाउस के पास फेंका और वहां से चले गए.
<b>पीड़िता का बड़ा भाई</b>
पीड़िता को कड़ी सुरक्षा के बीच डॉक्टरों की निगरानी में पीजीआई अस्पताल, रोहतक में रखा गया है. (फोटो: प्रशांत चाहल)
पांचों आरोपियों में जगमोहन, अमित और मौसम जाट समुदाय से वास्ता रखते हैं. वहीं आकाश और संदीप दलित समुदाय से. पांचों भिवानी जिले में एक गांव से नहीं हैं.
इनके परिवारों का दावा है कि पांचों एक दूसरे को जानते तक नहीं. पांचों को 2013 में भी गलत केस में फंसाया गया था और अब एक बार फिर उन्हें निशाना बनाया गया है.
हमारे पास पुख्ता सबूत हैं. लड़की झूठ बोल रही है. जिस दिन की यह घटना है, उस दिन पांचों कथित आरोपी रोहतक शहर में ही नहीं थे. सभी की मोबाइल लोकेशन रोहतक शहर से बाहर की हैं. साथ ही हमारे पास सारी सीसीटीवी फुटेज हैं, जिनमें कथित आरोपी वारदात के वक्त किसी दूसरी जगह पर देखे जा सकते हैं. पुलिस यह बात गलत कह रही है कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. बल्कि तीनों को 160-सीआरपीसी के तहत नोटिस देकर ‘शामिल-तफ्तीश’ किया गया था.
<b>आरोपी जगमोहन का छोटा भाई और आरोपी संदीप की पत्नी</b>
आरोपियों के परिजनों के मुताबिक, घटना के दूसरे दिन ही आरोपियों ने तफ्तीश जॉइन कर ली थी. (फोटो: प्रशांत चाहल)
इस मामले की जांच के लिए बनाई गई SIT में शामिल डीएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि आरोपियों के परिजनों ने जो सीसीटीवी फुटेज जमा कराई, उसकी जांच की जा रही है. इसके अलावा अंबाला और भिवानी जिले से कुछ अजनबी गवाह भी सामने आए हैं, जो आरोपियों की लोकेशन को लेकर अपने बयान दर्ज कराने को तैयार हैं.
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कोर्ट ने नहीं माना था पांचों को आरोपी
दरअसल, जिन पांच लड़कों को पीड़िता का परिवार ‘डबल गैंगरेप केस’ का आरोपी बता रहा है. साथ ही 2013 के गैंगरेप केस का गुनहगार ठहरा रहा है. उन्हें 2015 में भिवानी कोर्ट की सेशन जज गुरविंदर कौर ‘गैंगरेप का आरोपी’ मानने से इंकार कर चुकी हैं.
6 पन्ने के कोर्ट-ऑर्डर के मुख्य हिस्से, जिसे पीड़िता के परिवार ने चंडीगढ़ हाई-कोर्ट में चैलेंज किया है. इसपर सुनवाई होनी है. (फोटो: द क्विंट)
2013 गैंगरेप केस में कोर्ट ऑर्डर के मुताबिक...
सेशन जज ने निष्कर्ष के तौर पर लिखा कि लड़की कम से कम 5 बार बयान बदल चुकी है. उसके खुद के बयानों में भारी विरोधाभास है. कहानी के कई वर्जन हैं, जिनमें सच का पता लगाना बहुत मुश्किल है.
लड़की ने काफी वक्त बाद, सीआरपीसी की धारा-319 के तहत तीन आरोपियों (आकाश, संदीप और मौसम) का नाम गैंगरेप केस में शामिल करने की अर्जी दी. लेकिन पीड़िता के पास इसका कोई आधार नहीं था. कोई सबूत नहीं था.
घटना की तारीख, घटनास्थल, गैंगरेप में शामिल लोगों के नाम और चंडीगढ़ से बरामदगी के कारण, पीड़िता ने 24.10.2013 और 11.11.2013 को दिए अपने बयानों में इन सभी सवालों के अलग-अलग जवाब दिए.
50 लाख में समझौता या फिर ब्लैक मेलिंग?
रोहतक पुलिस के मुताबिक, इस केस में 50 लाख की राशि शामिल है. दोनों ही पक्षों ने इस संबंध में पुलिस को रिपोर्ट दी है. पीड़िता के परिवार का कहना है कि आरोपी पक्ष ने उनपर 50 लाख रुपए लेकर केस बंद करने का दबाव बनाया. जबकि आरोपी पक्ष कहता है कि यह केस ही 50 लाख रुपए ऐठने के लिए किया गया और बीते दो साल से लगातार पीड़िता का परिवार केस रफा-दफा करने के लिए पैसे की डिमांड कर रहा है.
पीड़िता के परिवार को सपोर्ट कर रहे लोग रोहतक महिला थाने के सामने प्रोटेस्ट करते हुए. (फोटो: प्रशांत चाहल)
हमारे रिश्तेदारों के जरिए हमारे ऊपर कई बार दबाव डाला गया. आरोपी पक्ष ने कहा कि 50 लाख लेकर केस बंद कर दो. लेकिन हमारे लिए यह इज्जत की लड़ाई है.
<b>पीड़िता का बड़ा भाई</b>
मेरे भाई के बिजनेस पार्टनर राजबीर सिंह से बीते कुछ महीनों में कई बार पैसे की डिमांड की गई. उनसे लड़की का परिवार पैसे के लिए मिलने भी आया.
<b>आरोपी जगमोहन का छोटा भाई</b>
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