Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रोटोमैक घोटाला:2 साल तक सोया रहा BoB, नीरव मोदी कांड से खुली नींद

रोटोमैक घोटाला:2 साल तक सोया रहा BoB, नीरव मोदी कांड से खुली नींद

पीएनबी महाघोटाले के बाद ये मामला सुर्खियों में है.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर बैंकों को चूना लगाने का आरोप
i
रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर बैंकों को चूना लगाने का आरोप
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी के घोटाले के बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा को दो साल से पता था, लेकिन ना जाने क्यों बैंक उनकी फाइल पर दो साल तक सोता रहा.

जब नीरव मोदी पीएनबी कांड सामने आया तो घबराहट में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3695 करोड़ रुपए के इस घोटाले की रिपोर्ट की.

अभी सीबीआई विक्रम कोठारी और उसके बेटे से दिल्ली में पूछताछ कर रही है. कोठारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी चल रही है.

2 साल तक ठंडे बस्ते में रहा मामला

बैंक ऑफ बड़ौदा ने विक्रम कोठारी को दिए लोन को अक्टूबर 2015 में ही 'नॉन परफॉर्मिंग असेट' घोषित कर दिया गया था. दिसंबर 2017 में तो इस लोन को 'फ्रॉड' की कैटेगरी में भी डाल दिया गया. फिर भी बैंक ने किसी भी जांच एजेंसी सीबीआई या ईडी को इसकी जनकारी नहीं दी. इसकी रिपोर्ट रविवार को मजबूरी में की गई क्योंकि नीरव मोदी का घोटाला सबके सामने आ चुका था. बैंक को डर लगने लगा कि कहीं नीरव मोदी की तरह विक्रम कोठारी भी देश से ना भाग जाए.

हैरानी की बात है कि रोटोमैक के मालिक ने पेन के बिजनेस के लिए लोन नहीं लिया था, बल्कि 2015 में काजू और चावल खरीदने के लिए लोन लिया था. ये रकम भारत से हॉन्ग कॉन्ग ट्रांसफर की गई थी लेकिन हकीकत में कुछ भी नहीं खरीदा गया था. अलग-अलग कंपनियों के 59 खातों में पैसे भेजे गए थे. 

ये मामला सबसे पहले 2015 में सामने आया था. लेकिन बैंक ने विक्रम कोठारी के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी की.

3,695 करोड़ रुपये के इस फ्रॉड में मूलधन की रकम 2,919 करोड़ रु है. आयकर विभाग ने कहा है कि उसने रोटैमैक पेन के मालिकों के 14 खाते सीज कर दिए हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहांक्लिक करें. )

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 21 Feb 2018,02:39 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT