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सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के बाद अब आयकर विभाग रोटोमैक समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ एक्शन पर जुट गया है. आयकर विभाग ने रोटोमैक के कथित टैक्स चोरी मामले में ग्रुप से जुड़े11 बैंक खातों में लेन-देन पर रोक लगा दी है.
आयकर विभाग के मुताबिक रोटोमैक ग्रुप पर 85 करोड़ रुपए ‘‘टैक्स बकाया है. आयकर अधिकारियों के मुताबिक, विभाग ने जनवरी में समूह के तीन खातों में लेन-देन पर रोक लगाई थी. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय सात बैंकों के समूह द्वारा कानपुर के रोटोमैक समूह को दिये गए 3,695 करोड़ रूपये के फ्रॉड की जांच कर रहे हैं.
सीबीआई ने 3695 करोड़ रुपये के बैंक लोन में कथित हेराफेरी के संबंध में कानपुर के कारोबारी विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ केस दर्ज किया है. यह लोन उनकी कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को सात बैंकों के समूह द्वारा दिया गया था.
इस बैंकिंग घोटाले का पर्दाफाश ऐसे समय हुआ है जब हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी से जुड़ी, पंजाब नेशनल बैंक की 11384 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का पता चला है.
अधिकारियों ने कहा है कि रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 से बैंक आफ इंडिया के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने 2919 करोड़ रुपये का बैंक लोन दिया था लेकिन भुगतान में बार बार चूक के कारण ब्याज मिलाकर यह राशि बढ़ कर 3695 करोड़ रुपये हो गई.
बैंक आफ बड़ौदा का आरोप है कि कंपनी को 2008 से लोन दिया जा रहा था. अधिकारियों ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से दी गई शिकायत पर कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी और बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
जांच एजेंसी ने कानपुर में कोठारी के घर और दफ्तरों सहित तीन ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने साफ तौर पर कहा कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि छापेमारी कर रही सीबीआई ने कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से पूछताछ की. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आरोपियों के एक आवासीय अपार्टमेंट और कार्यालय परिसर को सील किया गया है. आरोप है कि लोन मिलने के बाद धनराशि का इस्तेमाल दूसरे धंधे में किया गया जो कि एक तरह से गबन है.
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