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लॉकडॉउन के दौरान लाठी उठाकर सड़कों पर घूम रहे आरएसएस कार्यकर्ताओं की तस्वीरों से लोगों में बड़ी नाराजगी है. बताया जा रहा है कि आरएसएस के यह कार्यकर्ता तेलंगाना में लोगों की आईडी चेक कर रहे थे.
संबंधित तस्वीरें गुरूवार को बीबीनगर की गुदूर चेकपोस्ट के पास की हैं. जो तस्वीरें सामने आईं थीं, उसमें आरएसएस की ड्रेस में सात लोग लाठियों के साथ बैरिकेड को पार करते लोगों के डॉक्यूमेंट चेक कर रहे थे.
इन तस्वीरों को बहुत सारे ट्विटर यूजर्स ने शेयर किया था. लोगों ने सवाल करते हुए पूछा कि यह लोग किस पद या कानून के तहत मौके पर लोगों के डॉक्यूमेंट चेक कर रहे हैं. इन तस्वीरों को ‘@friendsofrss’ नाम के ट्विटर हैंडल ने भी ट्वीट किया था. हैंडल के ट्वीट में दावा किया गया था कि आरएसएस के लोग पुलिस की मदद कर रहे हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट में घटना पर भागवत के बयान को छापा गया है. भागवत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ''मुझे घटना की जानकारी मिली और मेरे पास फोटो भी आए. वे (आरएसएस कार्यकर्ता) हमारे पास आए थे और हमसे वॉलेंटियर करने के लिए पूछा था. हमने उनकी बात नहीं मानी. हमने किसी भी धार्मिक या राजनीतिक संगठन से मदद नहीं लेने का फैसला लिया है.''
मामले की कानूनी बारीकियों पर ध्यान दिलाते हुए वकील एल रविचंदर ने द हिंदू से कहा,''अगर आप प्रशासन में शामिल नहीं हैं और ऐसा कर रहे हैं, तो यह मौलिक अधिकारों का हनन है. इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. अगर पुलिसकर्मी तस्वीरों में पीछे खड़े दिखाई दे रहे हैं, तो यह कानून-व्यवस्था की असफलता है.
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