advertisement
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर्स में कहा कि आर्टिकल 370 को हटाने से पहले तक कश्मीर में स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में वहां और जानें न जाएं, इसलिए प्रतिबंध लगाया गया.
जयशंकर के मुताबिक, सरकार का पहला मकसद यही था कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के चलते लोगों की जानें न जाएं.
एस जयशंकर ने कहा कि घाटी में अब हालात सामान्य है और कई इलाकों में लगा प्रतिबंध हटा भी दिया गया है. लैंडलाइन और मोबाइल टावर काम कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर में सप्लाई बनाए रखने के लिए भी काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये सेब की फसल का महीना है सरकार की ओर से ऐसे प्रयास लगातार हो रहे हैं, जिससे कि किसानों को कोई नुकसान न हों.
विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि आर्टिकल 370 होने की वजह से जम्मू-कश्मीर में कुछ ही लोगों तक सत्ता सीमित थी.
जयशंकर ने कहा. ‘‘अलगाववादी विचारधारा को जिंदा रखकर वो अपना हित साधते थे. वहां ऐसा था कि कई अलगाववादी राजनीतिक पार्टियां खुलकर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के साथ जुड़ी हुई थी.’’
विदेश मंत्री ने ये भी कहा भारत सरकार ने हमेशा कोशिश की है कि उसके बनाए गए कानून कश्मीर में लागू होते रहें, क्योंकि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, जिसका सार्क देशों समेत अरब के कई देशों ने भी समर्थन किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)