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गतिरोध दूर करने के लिए 5 सूत्री खाके पर भारत-चीन ने जताई सहमति

विदेश मंत्री जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग के बीच करीब 2 घंटे चली बातचीत

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एस जयशंकर और वांग यी
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एस जयशंकर और वांग यी
(फाइल फोटो: PTI)

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भारत-चीन सीमा पर कई महीनों से जारी गतिरोध के दौरान, रूस के मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच बातचीत हुई है. करीब दो घंटे चली इस बातचीत के दौरान जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख में हाल की घटनाओं पर भारत की चिंता जाहिर की. इसके साथ ही उन्होंने कई मौकों पर चीनी सैनिकों के भड़काऊ व्यवहार का मुद्दा भी उठाया.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है, "बैठक में, भारतीय पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर इक्विपमेंट के साथ भारी संख्या में चीनी सैनिकों के जुटने को लेकर अपनी चिंता को रेखांकित किया है. इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों का जमा होना 1993 और 1996 के समझौतों के अनुरूप नहीं था और इससे LAC पर फ्लैशप्वाइंट्स बन गए. चीनी पक्ष ने इस तैनाती के लिए कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया है."

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विदेश मंत्री ने चीनी पक्ष को बताया, “जबकि भारतीय पक्ष ने माना कि सीमा के मुद्दे के समाधान के लिए वक्त और कोशिश की जरूरत है, यह भी स्पष्ट है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का बरकरार रहना संबंधों के आगे विकास के लिए जरूरी है. हालांकि पूर्वी लद्दाख में हाल ही में हुई घटनाओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास को साफ तौर पर प्रभावित किया है. इसलिए, मौजूदा स्थिति का एक तात्कालिक समाधान दोनों राष्ट्रों के हित में है.”

एएनआई के मुताबिक, बातचीत के बाद दोनों पक्ष पांच सूत्री सहमति पर पहुंचे, जिसमें शांति बरकरार रखने, बातचीत करने और सेनाओं के पीछे हटने पर जोर दिया गया.

भारत और चीन की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, "दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने पर नेताओं की आम सहमति की सीरीज से मार्गदर्शन लेना चाहिए, मतभेदों को विवाद में नहीं बदलने देना चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति किसी भी पक्ष के हित में नहीं है. वे इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों पक्षों के सीमा सैनिकों को अपनी बातचीत जारी रखनी चाहिए, जल्दी से पीछे हटना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव कम करना चाहिए."

दोनों मंत्रियों ने इसे लेकर भी सहमति जाहिर की कि दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामलों पर सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करेंगे.

संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मामले पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र के जरिए संवाद और संचार जारी रखने के लिए सहमति जताई है.

बता दें कि जयशंकर और यी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने के लिए मॉस्को का दौरा किया है.

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Published: 11 Sep 2020,08:07 AM IST

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