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सबरीमाला मंदिर के दरवाजे 17 नवंबर से 64 दिनों के लिए खुलने जा रहे हैं. इस दौरान यहां वार्षिक पूजा ‘मंडाला मक्काराविल्लाक्कू’ होगी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश को लेकर मंजूरी दे दी है लेकिन फिर भी इसका विरोध हो रहा है. ऐसे में जब सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई 16 नवंबर की सुबह कोच्चि एयरपोर्ट पहुंची हैं, तब से उनका भारी विरोध हो रहा है और वो एयरपोर्ट से बाहर नहीं आ पा रही हैं. देसाई ने केरल के मुख्यमंत्री को चिट्टी लिखकर सुरक्षा की मांग की है.
तृप्ति देसाई ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने टैक्सी ड्राइवरों और होटल कर्मचारियों को धमकी दी है. उन्होंने कहा, “होटल कर्मचारियों से कहा गया है कि अगर हमें कमरा दिया गया, तो उनके होटल को नुकसान पहुंचाया जाएगा. मुझे दुख है कि जो लोग खुद को भगवान अयप्पा का भक्त कह रहे हैं, वो गालियां और धमकी दे रहे हैं.”
कोच्चि एयरपोर्ट पर भारी विरोध प्रदर्शन के चलते समाजसेविका तृप्ति देसाई ने सबरीमाला मंदिर जाने का अपना फैसला बदल लिया है. आज रात की फ्लाइट से वह पुणे स्थित अपने घर लौट जाएंगी.
तृप्ति ने ये भी कहा कि अगली बार वह बिना किसी को बताए यहां आएंगी.
कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी राहुल ईश्वर ने कहा, “तृप्ति देसाई को वापस चला जाना चाहिए. अगर तृप्ति ने सबरीमाला मंदिर में कदम रखा, तो उन्हें हमारे सीने पर पैर रखकर जाना होगा.”
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केरल के निलक्कल, पांबा और सन्निधनम इलाकों में धारा-144 लगा दी गई है. एक जगह पर चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर गिरफ्तारी के आदेश हैं.
भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई अपने साथियों के साथ कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मौजूद हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दे रहे हैं, ऐसे में उन्हें एयरपोर्ट में बैठकर ही नाश्ता करना पड़ा.
सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक तृप्ति देसाई सात महिलाओं के साथ गुरुवार देर रात केरल पहुंच गईं हैं लेकिन वो एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. उनके आने की खबर लगते ही प्रदर्शनकारी रात से ही कोच्चि एयरपोर्ट के बाहर डटे हुए हैं और उनका विरोध कर रहे हैं. भारी विरोध के चलते तृप्ति के साथ पुणे से आई कोई महिला बाहर नहीं निकल पाई। शनिवार को मंदिर के पट दो महीने के लिए खोले जाएंगे. इस दौरान यहां वार्षिक पूजा ‘मंडाला मक्काराविल्लाक्कू’ होगी. मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यहां विरोध हो रहा है.
प्रदर्शन में शामिल भाजपा नेता एमएन गोपी ने कहा कि हम तृप्ति देसाई और उनके साथियों को पुलिस या सरकारी गाड़ी में सबरीमाला नहीं जाने देंगे. तृप्ति ने शनिवार को मंदिर में दर्शन के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी थी. विरोध के बीच तृप्ति ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को हिंसा नहीं करनी चाहिए. तृप्ति का कहना है कि अगर सरकार उन्हें सुरक्षा नहीं देगी, तब भी वो मंदिर जाएंगे.
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