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गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद गैर-गुजरातियों को राज्य छोड़कर चले जाने की चेतावनी दी जा रही है. इसके बाद गुजरात से यूपी-बिहार के तमाम कामगार पलायन कर रहे हैं. हालांकि, गुजरात सरकार का दावा है कि गैर-गुजरातियों के साथ हिंसा की खबरें गलत हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि हिंसा की वजह से कोई पलायन नहीं हो रहा है.
इधर, इस मामले पर केंद्र सरकार ने भी संज्ञान लिया है. केंद्र ने गुजरात सरकार को मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं. बीते सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से फोन पर बात की थी.
गैर-गुजरातियों पर कथित तौर पर हमला करने के मामलों में गुजरात के अलग-अलग इलाकों से पुलिस ने अब तक 431 लोगों को गिरफ्तार किया है. साबरकांठा में मासूम के साथ हुई दरिंदगी की घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में गैर- गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
बीते 28 सितंबर को साबरकांठा में एक बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के लिए बिहार के एक निवासी को गिरफ्तार किये जाने के बाद गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया. साथ ही सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाये गये
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राज्य रिजर्व पुलिस (सीआरपी) की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा,‘‘गैर-गुजराती के निवास क्षेत्रों और उन कारखानों में जहां वे काम करते हैं, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस ने इन इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी है.''
डीजीपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के लिए दो मामलें दर्ज किये गये हैं.
हिंदीभाषी लोगों पर हमलों की कई घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोमवार को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
रूपाणी ने कहा कि पुलिस ने हालातों पर काबू पा लिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के गहन प्रयासों के कारण हालात काबू में हैं औैर पिछले 48 घंटों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुयी है.
उन्होंने राजकोट में कहा, ‘‘हम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और परेशानी की स्थिति में लोग पुलिस को बुला सकते हैं. हम उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएंगे.''
गुजरात के एक संगठन ने दावा किया है कि गुजरात में हिंदी भाषियों पर हमलों के बाद कम से कम 20 हजार से ज्यादा प्रवासी राज्य से बाहर चले गए हैं. उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेंद्र सिंह कुशवाह ने दावा किया कि मौजूदा हालातों को देखते हुए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के करीब 20 हजार लोग गुजरात से बाहर चले गए हैं.
गुजरात में हिंदी भाषियों के खिलाफ हो रहे हमलों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चिंता जताई है. राहुल ने कहा है कि प्रवासी कामगार ही गुजरात की इकनॉमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण किरदार निभाते हैं.
राहुल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखी है, जिसमें लिखा है, ‘पूरे गुजरात में, खराब इकनॉमिक पॉलिसी, नोटबंदी और गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी ने कारोबारों को तबाह कर दिया है जिसकी वजह से कारखाने और इंडस्ट्रियल यूनिट बंद हो गई हैं. इस वजह से बेरोजगारी में भारी बढोतरी हुई है. नौकरियां पैदा करने में सरकार की अक्षमता के कारण युवाओं में निराशा और गुस्सा बढ़ रहा है. यह निराशा और गुस्सा ही पूरे गुजरात में प्रवासियों पर हिंसक हमलों के रूप में सामने आ रहा है.’
राहुल ने लिखा है, ‘प्रवासी कामगार हमारी इकनॉमिक ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण हैं. उन पर हमले भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करते हैं जो व्यापार और हमारी इकॉनमी के लिए अच्छा नहीं है. सरकार को निर्णायक रूप से काम करना चाहिए, और शांति बहाल करने और हर भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो भी संभव हो करना चाहिए.’
गुजरात में कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने उन आरोपों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि ठाकोर के इशारे पर यूपी-बिहार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
अल्पेश ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘गुजरात में कहीं पर केवल एक इस तरह की घटना हुई है और इसकी मैं निंदा करता हूं. अगर मैंने किसी को भी धमकी दी है, तो मैं खुद ही जेल चला जाऊंगा. गुजरात सबका है. ये जितना आपका है उतना ही मेरा है.’
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