Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019साबिका ने मरीन ड्राइव पर सुनाई कविता ‘मेरी साड़ी वो शामियाना है..’

साबिका ने मरीन ड्राइव पर सुनाई कविता ‘मेरी साड़ी वो शामियाना है..’

‘’ये साड़ी नदी की वो लहर है, जिस पर हम इश्क की नाव चलाते हैं, इसी साड़ी से हम फासीवाद को फांसी लगाते हैं’’   

पल्लवी प्रसाद
भारत
Published:
साड़ी पर सवाल करने वालों को चुनौती 
i
साड़ी पर सवाल करने वालों को चुनौती 
फोटो: Facebook

advertisement

''ये खामोश मिजाजी तुम्हें जीने नहीं देगी, जीना है अगर चैन से, कोहराम मचा दो''

मिलिए साबिका अब्बस नकवी से. ये अंग्रेजी और हिंदी में कविताएं लिखती हैं. इतिहास की स्टूडेंट और एक्टिविस्ट हैं और टीचर भी. नारीवाद और राजनीतिक मुद्दों से प्रेरित साबिका की अधिकांश कविताओं में इसकी झलक देखने को मिलती है. वो सर-ए-रहगुजर की फाउंडर हैं.

जुलाई 2017 में एक कैंपेन से प्रेरित होकर उन्होंने सड़कों पर कविताएं सुनाने का फैसला किया, ताकि लोग अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आएं और उन्हें सच्चाई का अहसास हो.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मुझे रेत के हर कतरे में कहानियां मिलती हैं और मैं अपनी स्याही से उन्हें तस्वीर देने की कोशिश करती हूं.
साबिका नकवी

द क्विंट ने सबिका से टाटा लिटरेचर लाइव फेस्टिवल में मुलाकात की, जहां वो बतौर पैनलिस्ट शामिल हुई थीं. क्विंट की टीम उन्हें रविवार की सुबह मुंबई के मरीन ड्राइव पर ले गई, जहां उन्होंने अपनी फेवरेट रचना ‘मेरी साड़ी’ सुनाई, जिसमें महिलाओं की 9 गज की साड़ी को मान, सम्मान, पहचान और हिम्मत के मोतियों की माला में पूरी तरह पिरोया गया था.

‘’कांजीवरम में हम, मुन्नार हिला आए हैं, बोमकई और संभलपुरी लुंगड़ा पहन हमने आजादी के गुण गाए हैं, फिर चिकन को खुद पर अदब से लपेट हमने बीफ कबाब खाए हैं....’’

बॉलीवुड के शाहिद कपूर से लेकर फेमस गाना ‘टिप-टिप बरसा पानी’ और सावित्री बाई फुले तक की कहानियों का अक्स इनकी कविताएं में झलकता है. एक ऐसी दमदार आवाज, जिसे सुनकर आप रोमांचित हो उठेंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT