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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में 180 दलित परिवारों के बौद्ध धर्म अपनाने का मामला सामने आया है. इन परिवारों ने दावा किया है कि शब्बीरपुर में दो वर्गों के बीच हुए संघर्ष के बाद उन्हें हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
बौद्ध धर्म अपनाने का दावा कर रहे दलित परिवारों का कहना है कि 5 मई को शब्बीरपुर में हुई हिंसा को लेकर उनके हितों के लिए संघर्ष करने वाली भीम आर्मी को निशाना बनाया जा रहा है. इसीलिए वह बौद्ध धर्म अपनाने के लिए मजबूर हुए. हालांकि, पुलिस ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है.
रामपुर मनिहारन गांव के दलित परिवारों ने भी बौद्ध धर्म अपनाने की धमकी दी है.
इन लोगों ने दावा किया कि उन्होंने हिंदू धर्म छोड़ दिया है और बौद्ध धर्म अपना लिया है. इन लोगों के मुताबिक, 180 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया है, हालांकि प्रोटेस्ट के वक्त मौके पर करीब 60 लोग ही मौजूद थे.
सहारनपुर के एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
सहारनपुर के डीआईजी जेके शाही ने धर्म बदलने को निजी मामला बताया है.
इन लोगों ने पुलिस पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. शब्बीरपुर गांव में हिंसा के बाद भीम आर्मी पर दंगा फैलाने का आरोप लग रहा है, जबकि इन लोगों का कहना है कि भीम आर्मी के खिलाफ गलत एक्शन लिया जा रहा है.
सहारनपुर के एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने उत्पीड़न के आरोपों से इंकार किया.
गुरुवार को 180 दलित परिवारों के बौद्ध धर्म अपना लिया था. इसके बाद सहारनपुर के दूसरे गांवों के दलित परिवारों ने भी हिंदू धर्म छोड़ने की चेतावनी दी. सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारन गांव के दलित परिवारों ने कहा कि अगर निर्दोष लोगों के खिलाफ उत्पीडन बंद नहीं हुआ, तो वे लोग भी बौद्ध धर्म अपना लेंगे.
आपको बता दें कि हाल ही में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर दो वर्गों के बीच जातीय संघर्ष हुआ था. इस बवाल में कई घर जला दिये गये थे. कुछ लोग घायल हुए थे जबकि एक व्यक्ति की जान भी चली गई थी.
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