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साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए गए सज्जन कुमार ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. सज्जन कुमार ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर पार्टी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने पत्र में राहुल गांधी से कहा, ‘‘माननीय हाई कोर्ट ने मेरे खिलाफ जो फैसला सुनाया है, उसके मद्देनजर मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल इस्तीफा देता हूं.''
सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में कुमार को दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी.
सिख विरोधी दंगों के 34 साल बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने कहा कि इसका षड्यंत्र उन लोगों ने रचा जिन्हें ‘‘राजनीतिक संरक्षण'' प्राप्त था.
निचली अदालत से 73 साल के सज्जन कुमार को बरी किए जाने के फैसले को हाई कोर्ट ने पलट दिया. दंगों को ‘‘मानवता के खिलाफ अपराध'' करार देते हुए हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
उन्हें आपराधिक षड्यंत्र और हत्या के अपराध के लिए उकसाने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ काम करने और गुरुद्वारे को अपवित्र और नष्ट करने का दोषी पाया.
सज्जन कुमार को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है वह दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी में राजनगर पार्ट-एक इलाके में पांच सिखों की एक-दो नवम्बर 1984 को हुई हत्या से जुड़ा हुआ है. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में दंगे फैले हुए थे. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर को हत्या किए जाने के बाद एक नवम्बर और चार नवम्बर 1984 के बीच भड़के सिख विरोधी दंगों में 2733 सिख मारे गए थे.
कोर्ट ने सज्जन कुमार और पांच अन्य दोषियों को 31 दिसम्बर 2018 तक आत्मसमर्पण करने और दिल्ली से बाहर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं.
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