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समलैंगिक विवाह (Same sex Marriage) को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की गई है. इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
कई समलैंगिक कपल और LGBTQIA+ समुदाय के लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि, भारत में समलैंगिक विवाह को हिंदू एंड फॉरेन मैरिज लॉ के तहत मान्यता दी जाए. साथ ही कहा है कि कोर्ट इस सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करे, जिससे देश के तमाम लोग इसे सुन पाएं.
इस याचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने केंद्र को नोटिस जारी कर वक्त दिया और कहा कि वो इस मामले पर अपना जवाब दे, क्योंकि याचिका में कहा गया है कि ये राष्ट्रीय और संवैधानिक तौर पर काफी जरूरी है. हाईकोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 3 फरवरी 2022 को होगी.
लाइव लॉ के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट नीरज किशन कौल ने कोर्ट में बताया कि देश की कुल 7 से लेकर 8 फीसदी आबादी इस सुनवाई में दिलचस्पी रखती है और मांग कर रही है कि सुनवाई यू-ट्यूब और अन्य प्लैटफॉर्म्स पर लाइव दिखाई जाए.
इस मामले को लेकर पिछली बार 25 नवंबर को सुनवाई हुई थी. जिसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सरकार की तरफ से पेश हुए थे. इस दौरान सरकार की तरफ से कहा गया कि जीवनसाथी का मतलब पति या फिर पत्नी ही होता है.
मेहता ने आगे कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता के लिए कोई नागरिकता अधिनियम में कोई जवाब दाखिल करने का कोई मतलब नहीं था, क्योंकि विवाह शब्द सिर्फ दो विषमलैंगिक लोगों से जुड़ा हुआ है.
फिलहाल हाईकोर्ट की तरफ से केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए करीब दो महीने का वक्त दिया गया है. जिसके बाद फिर से इस मामले की सुनवाई होगी.
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