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बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 8 नवंबर को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को जवाब देने को कहा. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के पिता द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी की.
बॉम्बे हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई कर रहे वकेशन जज ने आदेश जारी करने के पहले नवाब मलिक से कहा कि "अगर आप ट्विटर पर जवाब दे सकते हैं तो बेहतर होगा कि आप यहां भी जवाब दें”
ज्ञानदेव वानखेड़े की ओर से पेश हुए वकील अरशद शेख ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि मानहानि के मामलों में जवाब दाखिल करना महत्वपूर्ण है, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि जब तक हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं करता तब तक नवाब मलिक किसी भी मीडिया पर समीर वानखेड़े से जुड़ी मानहानिकारक कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर नहीं डालेंगे.
गौरतलब है कि 8 नवंबर को भी समीर वानखेड़े पर एक और मिसाइल दागते हुए नवाब मालिक ने ‘सबूत’ के साथ ट्वीट कर पूछा है कि, क्या वानखेड़े की पत्नी की बहन भी ड्रग के कारोबार में हैं.
हालांकि नवाब मलिक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अतुल दामले ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल से कोई बयान देने या अदालत में हलफनामा देने का कोई निर्देश नहीं मिला है.
दामाद समीर खान का नाम ड्रग्स केस में आने और आर्यन खान जैसे हाई प्रोफाइल नामों वाले मुंबई क्रूज पार्टी मामले के बाद समीर वानखेड़े नवाब मलिक के निशाने पर है. नवाब मालिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ वसूली और यहां तक कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के उपयोग का आरोप लगाते रहे हैं.
आरोपों के बीच समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने मलिक के खिलाफ बॉम्बे HC में मानहानि का मामला दायर किया है. इसमें एनसीपी नेता, उनकी पार्टी के सदस्यों और अन्य को किसी भी तरह से (वानखेड़े) परिवार की प्रतिष्ठा को निशाना बनाने या खराब करने से रोकने के लिए स्थायी आदेश देने की मांग की गई है.
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