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बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और मेरठ की सरधना सीट से पूर्व विधायक संगीत सोम (Sangeet Som) का एक बार फिर विवादित बयान सामने आया है. संगीत सोम ने यह बयान अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने ज्ञानवापी पर बात की है. उन्होंने कहा कि औरंगजेब जैसे लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी. 92 में बाबरी और 22 में ज्ञानवापी की बारी है. आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर जो मस्जिद खड़ा किया था, उसे वापस लेने का समय आ गया है.
बता दें, संगीत सोम ने यह बयान अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट भी किया है. बताया जा रहा है कि इसके पहले संगीत सोम ने मेरठ के ज्वालागढ़ चौराहे पर आयोजित महाराणा प्रताप के जयंती समारोह में ऐसा ही बयान दिया था. सोमवार शाम जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने एक तरफ दिल्ली सरकार को जामकर कोसा तो वहीं दूसरी तरफ ज्ञानवापी मस्जिद पर भी हमला बोला. उन्होंने दावा किया है कि मस्जिद की हकीकत रामलला जन्मभूमि की तरह छिपाई गई है.
इस कार्यक्रम की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करते हुए संगीत सोम ने लिखा कि आज वीर शिरोमणि, मां भारती के वीर पुत्र, पूज्य महाराणा प्रताप जी की जन्मजयंती के शुभ अवसर पर ज्वालागढ़ चौराहे पर स्थित प्रतिमा का माल्यार्पण किया. हजारों की संख्या में आए युवा साथियों का अभिवादन किया और जयंती पर महाराणा प्रताप जी का स्मरण कर युवासाथियों को संबोधित किया.
उधर, इस बयान पर जामा मस्जिद के इमाम अरशद गौरा ने कहा कि इसे सब लोग समझते हैं यह एक सियासी मामला है और यह सियासत में ले जाकर हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं जो बहुत गलत है. मैं देश के बड़े नेता जो देश को चलाने वाले हैं उनसे यही आग्रह करूंगा कि इन सब चीजों की ओर ध्यान न देकर देश की तरक्की की ओर ध्यान दें. हम यह चाहते हैं कि देश बहुत आगे जाए और उससे भी आगे जाए. ज्ञानवापी मामले पर कहा कि भारत के संविधान में लिखा है कि जो 47 से पहले जैसा है उसे ना छेड़ा जाए और उस पर अब कुछ भी करना सही नहीं है.
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