करणी सेना, दो मिनट के फेम के लिए कुछ भी करेगी!

ये पब्लिसिटी स्टंट नहीं तो और क्या है?

कौशिकी कश्यप
भारत
Updated:
(फोटो:Twitter/@BOCapsule)
i
(फोटो:Twitter/@BOCapsule)
null

advertisement

जयपुर में संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के सेट पर करणी सेना ने उत्पात मचाया. सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली के साथ अभद्रता की, थप्पड़ जड़ा. उनपर आरोप लगाए गए कि वो ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ कर रहे हैं.

करणी सेना इतनी भावनात्मक ठहरी कि उनकी भावनाएं आहत हो गई और सिर्फ इसलिए उन्हें हमला करने से भी कोई गुरेज नहीं हुआ. करणी सेना को अपने किए पर कोई अफसोस भी नहीं है.

अब जरा इस करणी सेना के इतिहास पर नजर डालें तो विकिपिडिया के अनुसार श्री राजपूत करणी सेना का गठन 2006 में हुआ था. इसने अब तक दो काम किए हैं- 2008 में जोधा अकबर के स्क्रीनिंग का विरोध और अब पद्मावती की शूटिंग पर उधम मचाना.

और दोनों ही घटना पब्लिसिटी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है.

राजपूत करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कल्वी ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उनके पूर्वजों ने सैकड़ों बलिदानें दी हैं और उनके नाम को बदनाम करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी. करणी सेना के प्रमुख ने एएनआई को बताया कि-

पद्मिणी एक बहादुर रानी थी और वो किसी भी हाल में अलाउद्दीन खिलजी की बातों को नहीं मानने वाली थी. जो चीजें इतिहास में हैं ही नहीं वो फिल्म में नहीं दिखाई जानी चाहिए. उन्होंने सीधे-सीधे चुनौती देते हुए कहा कि क्या भंसाली की हैसियत जर्मनी में जाकर हिटलर के खिलाफ फिल्म बनाने की है?

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बॉलीवुड आग-बबूला है. सवाल यह नहीं है कि इतिहास के पन्नों में सच्ची घटनाएं किस तरह से घटी होंगी. यह भी ठीक से पता नहीं है कि संजय लीला भंसाली अपनी फिल्म पद्मावती में पद्मिणी का कैसा चरित्र चित्रण कर रहे हैं. लेकिन यह पूरे भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि कम से कम करणी सेना को इस बात का अंदाजा नहीं होगा. यह सब जाने बगैर हुड़दंग मचाना पब्लिसिटी स्टंट नहीं तो और क्या है.

सेना के प्रमुख का कहना है कि भंसाली को शूटिंग करने की इजाजत नहीं थी. तो सवाल है कि इस तरह के ग्रुप का कब से यह काम होने लगा है कि वो चेक करें की किस काम के लिए किसने परमिशन ली है या नहीं. यह काम पूरी तरह से राज्य सरकार का है क्या राज्य सरकार ने अपना काम आउटसोर्स कर दिया है?

राजस्थान के गृहमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन कानून तोड़ने वालों पर सख्ती क्यों नहीं?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 28 Jan 2017,06:36 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT