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मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering case) में ईडी (ED) द्वारा गिरफ्तार किए गए शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने मुंबई की विशेष अदालत को बताया कि हिरासत के दौरान केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें उस कमरे में रखा, जिसमें कोई खिड़की और वेंटिलेशन नहीं था.
इस बीच पात्रा चॉल जमीन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को 8 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है.
पात्रा चॉल भूमि मामले में आज पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया कि उन्होंने इस मामले के संबंध में पूछताछ के लिए 5 से 8 अगस्त के बीच कई लोगों को तलब किया है.
ईडी ने हिरासत की आठ दिन की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि वह संजय राउत से जुड़े 2.25 करोड़ रुपये के फूटप्रिंट्स की जांच कर रहा है. संजय राउत को केंद्रीय एजेंसी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उनकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था. इस महीने की शुरुआत में मुंबई के उपनगर अदालत ने संजय राउत को चार अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था.
अदालत के गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने अदालत को बताया कि वह एक हृदय रोगी है और इसलिए, उस कमरे में उनका दम घुटता है और वेंटिलेशन की कमी है. इस दावे को ईडी ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कमरा वातानुकूलित था.
ईडी शिवसेना नेता संजय राउत के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन के साथ वैकल्पिक व्यवस्था खोजने के लिए सहमत हो गया. विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने अपने आदेश में कहा, "ईडी पूछताछ के बाद आरोपी के स्वास्थ्य की पृष्ठभूमि को देखते हुए जिस तरह से रहने की अनुमति देता है, उसे देखते हुए सभी कदम उठाएगा. अगर व्यवस्था नहीं की गई तो आरोपी को यह बताने की आजादी है."
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