Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Karnataka: ठेकेदार संतोष पाटिल और बीजेपी मंत्री ईश्वरप्पा के बीच क्या था विवाद?

Karnataka: ठेकेदार संतोष पाटिल और बीजेपी मंत्री ईश्वरप्पा के बीच क्या था विवाद?

शुरूआती जांच के अनुसार ठेकेदार ने उडुपी में मुख्य बस स्टैंड के पास एक होटल में अपनी जान दे दी.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक: BJP ठेकेदार के भाई ने मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को ठहराया जिम्मेदार</p></div>
i

कर्नाटक: BJP ठेकेदार के भाई ने मौत के लिए मंत्री ईश्वरप्पा को ठहराया जिम्मेदार

फोटो- twitter

advertisement

कर्नाटक (Karnataka) ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य और ठेकेदार संतोष पाटिल (Santosh Patil) मंगलवार, 12 अप्रैल को उडुपी में मृत पाए गए.

पाटिल ने कहा था कि ईश्वरप्पा ने एक प्रोजेक्ट की कुल लागत का 40 फीसदी रिश्वत मांगी थी. शुरूआती जांच के अनुसार ठेकेदार ने उडुपी में मुख्य बस स्टैंड के पास एक होटल में खुद अपनी जान दे दी.

मरने से पहले संतोष पाटिल ने ईश्वरप्पा को बताया जिम्मेदार

खबर आने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने पाटिल की 'आत्महत्या' से संबंध होने से इनकार किया है.

केएस ईश्वरप्पा ने कहा, "मैंने उस व्यक्ति के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था जिसने मुझ पर आरोप लगाया था. उसे अदालत में लड़ना चाहिए था, मेरा उसकी आत्महत्या से कोई लेना-देना नहीं है. मैं उससे नहीं मिला हूं, मेरे इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है"

इस बीच, इस खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, शिवमोग्गा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य मंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जहां 'हमें न्याय चाहिए' के ​​नारे लगाए गए. कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने संतोष पाटिल की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है.

बेलगावी के हिंडालगा के रहने वाले संतोष सोमवार 11 अप्रैल से लापता थे एक दिन बाद उसका शव उडुपी के एक लॉज में मिला. पुलिस अधिकारी एक टेक्स्ट मैसेज की जांच कर रहे हैं जो उसने अपने दोस्तों को कथित तौर पर भेजा था जिसमें कहा गया था कि उसने अपना जीवन समाप्त करने का फैसला किया है और ईश्वरप्पा" उसकी मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है."

कथित तौर पर उनके फोन से भेजे गए नोट में कहा गया है कि, "आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा मेरी मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं. मैं अपनी आकांक्षाओं को अलग रखते हुए यह निर्णय ले रहा हूं. मैं अपने प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री, हमारे प्रिय लिंगायत नेता बीएसवाई और अन्य सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि मेरी पत्नी और बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं."

ठेकेदार संतोष पाटिल की कथित आत्महत्या पर कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि, "मामले में क्या हुआ यह तो पुलिस ही बता सकती है. कोर्ट, पुलिस और जांच एजेंसियां ​​जांच के बाद मामले को अंतिम रूप देंगी और जांच समाप्त होने से पहले केएस ईश्वरप्पा को दोष देने की कोई जरूरत नहीं है."

इस बीच ईश्वरप्पा ने पहले भी इन आरोपों का खंडन किया था और दावा किया था कि वह ठेकेदार को बिल्कुल नहीं जानते हैं. बाद में पाटिल पर मानहानि का मुकदमा किया गया. हालांकि, शिवमोग्गा में ईश्वरप्पा के निवास पर उनके साथ तस्वीरें रखने का दावा करते हुए, संतोष पाटिल ने कहा था कि उन्होंने मंत्री से भी मुलाकात की थी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर उनकी मौत का आरोप लगाया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.

कैमरे के रोते हुए प्रशांत पाटिल ने कहा, "जब तक ईश्वरप्पा को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम शव को नहीं हटाएंगे. अगर एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति ने 4 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट किया है, तो यह कैसे किया होगा? यह कर्ज लेकर किया गया होगा .. आप सभी को पूरे मामले के बारे में पता है. मैं मीडिया के जरिए जो मांग करना चाहता हूं वह यह है कि हमें न्याय मिलना चाहिए और ईश्वरप्पा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए."

पाटिल उन कई ठेकेदारों में से एक थे जिन्होंने कर्नाटक में बीजेपी सरकार पर ठेकेदारों से अत्यधिक रिश्वत मांगने और भ्रष्टाचार बढ़ाने का आरोप लगाया था.

पाटिल जो हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव थे उन्होंने पिछले महीने द न्यूज मिनट को बताया था कि ईश्वरप्पा ने 2019 में पाटिल के एक प्रोजेक्ट के लिए कथित तौर पर भुगतान जारी नहीं किया था, और इस वजह से, उन्हें लेनदारों द्वारा परेशान किया जा रहा था.

संतोष पाटिल ने यह भी कहा था कि, "महामारी और अन्य राजनीतिक कारणों से, प्रक्रिया में देरी होती रही है. मैंने 2019 में इस परियोजना को समाप्त कर दिया, लेकिन अभी तक इसके लिए एक पैसा भी नहीं मिला है. मैंने इसके लिए भारी पैसा उधार लिया है और मुझे अब बड़े लेनदारों द्वारा परेशान किया जा रहा है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT