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अभी-अभी गुप्त सूत्रों के हवाले से पता चला है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग डर से थर-थर कांप रहे हैं. बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी के गठबंधन की खबर जैसे ही उन्हें ट्रांसलेट कर उनके अधिकारी ने पढ़कर सुनाई, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
अभी तक भारत के खिलाफ हमले का प्लान बना रहे जिनपिंग अब डरे हुए हैं. उन्हें डर है कि उनके हाथों से चीन की सत्ता चली न जाए. ऐसा इसलिए है, क्योंकि उन्हें पता है कि जैसे ही चीन की सेना भारत के बॉर्डर के अंदर आई, उधर चीन में तख्तापलट.
लेकिन चीनी सामान की तरह ही चीनी सरकार पर भी भरोसा करना मुश्किल है. वह कभी भी पलटकर डंस सकते हैं. इसलिए भारत सरकार ने चीन से निपटने के लिए कुछ खास प्लान बनाया है.
जिस तरह से चीन भारत के बाजार पर कब्जा करता जा रहा है, उसे देखते हुए सरकार ने भी चीन से लोहा लेने का फैसला कर लिया है. सरकार ने चीन से लोहा लेने के लिए विपक्ष से मदद मांगी है. फैसला हो गया है- चीन से जो लोहा आएगा, उससे एक टैंक तैयार किया जाएगा, जो जेएनयू में लगेगा.
इसके कई फायदे हैं. चीन में लोहे की कमी और चीन से लड़ने के लिए जेएनयू के साथ-साथ दूसरी यूनिवर्सिटी में देशभक्तों की फौज तैयार हो जाएगी.
दिवाली के आते ही चीनी फुलझड़ी, पटाखे, लाइट भारतीय बाजार में बिकने लगते हैं. लेकिन सरकार ने इस बार ऐसा फैसला किया है, जिससे चीनी व्यापारी भी भारतीय व्यापारी की तरह एक देश, एक टैक्स मतलब जीएसटी का फॉर्म ही भरते रह जायेंगे.
सरकार के पास एक ऐसा प्लान है, जिससे चीन एक दिन में ही सरेंडर कर भारत का गुलाम बन सकता है. दरअसल अभी तक दुनिया में यह बात फैली हुई है कि चीनी लोग कुत्ता खाते हैं.
वैसे तो सरकार ने देशभक्त न्यूज चैनल में एंकरों की ज्वाइनिंग के बाद पकिस्तान बॉर्डर से अपनी सेना हटा ही ली है. और अब चीन से लगे बॉर्डर एरिया से भी सेना हटा लेने के मूड में है.
अब अगर आंकड़ों को देखें, तो 2011 में भारत में विदेशी निवेश (FDI) करने वाले मुल्कों में चीन का स्थान 35वां था. 2014 में 28 वां हो गया. 2016 मे चीन भारत में निवेश करने वाला 17वां बड़ा देश है.
लेकिन इस रिकॉर्ड को देखते हुए अगर चीन को कमजोर करना है, तो स्वदेशी अपनाना होगा. इसीलिए अब यह भी मांग उठने लगी है कि बाबा रामदेव लाओ, चीनी भगाओ, मतलब खाने में मीठा हटाओ और योगा लाओ.
अब बस देखना यह है कि क्या चीन घुटने के बल आकर माफी मांगता है या नाक रगड़कर. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम चीन को बता देना चाहते हैं कि हमारे पास कड़ी निंदा वाला बम भी है.
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