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पीएनबी बैंक को करोड़ों का चूना लगाकर विदेश भाग चुके नीरव मोदी केस की जांच कर रहे मुख्य जांच अधिकारी और प्रवर्तन निदेशालय (ED)के ज्वॉइंट डायरेक्टर का डेप्युटेशन में कार्यकाल पूरा हो गया है.
ट्रांसफर कर दिया गया है. ज्वॉइंट डायरेक्टर सत्यव्रत कुमार नीरव मोदी केस की पैरवी के लिए फिलहाल लंदन में ही हैं. बता दें, सत्यव्रत कुमार विजय माल्या केस के भी जांच अधिकारी हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने अपने आदेश में लिखा है, 'श्री सत्यब्रत, ज्वॉइंट डायरेक्टर अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. 1 मार्च 2011 के आदेश के मुताबिक, पांचवे साल के बाद डेप्युटेशन में एक्स्टेंशन नहीं दिया जा सकता है और डेप्युटेशनिस्ट अफसर को डेप्युटेशन एक्सपायर होने की तारीख तक रिलीव करना होता है. ऐसे में सुपीरियर अफसर की जिम्मेदारी है कि डेप्युटेशनिस्ट अफसर ज्यादा दिन तक ना रहे.'
आदेश में कहा गया है, 'हम सूचित करना चाहते हैं कि श्री सत्यब्रत कुमार, ज्वॉइंट डायरेक्टर कोल ब्लॉक केस की जांच करते रहेंगे, और अन्य सभी फाइलें एडिशनल डायरेक्टर की देखरेख में होंगी, जो अगले आदेश तक उनका चार्ज संभालेंगे.'
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम लंदन में ही है. पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी नीरव मोदी को पिछले हफ्ते लंदन में गिरफ्तार किया गया था.
बताया जा रहा है कि ईडी नीरव मोदी और उनकी सहयोगी कंपनियों की 147 करोड़ की जायदाद से संबंधित दस्तावेज साथ लेकर गई है. पीएनबी धोखाधड़ी के मामले में एजेंसी ने 26 फरवरी को यह जायदाद जब्त की थी.
ईडी की टीम लंदन में स्थानीय प्राधिकरणों को ये कागजात प्रदान करेगी और नीरव मोदी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में उनकी मदद करेगी.
हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर आरोप है कि उसने धोखाधड़ी से पीएनबी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) के जरिए 13,500 करोड़ रुपये हालिस किए थे.
नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. जमानत याचिका रद्द होने पर उनको 29 मार्च तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेजा गया है.
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