Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सऊदी क्राउन प्रिंस की भारत और पाक यात्रा में किसको ज्यादा मिला?

सऊदी क्राउन प्रिंस की भारत और पाक यात्रा में किसको ज्यादा मिला?

क्राउन प्रिंस ने दिल्ली में बहुत अच्छी अच्छी बातें कीं

अरुण पांडेय
भारत
Updated:
क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा कई वजहों से फोकस में थी
i
क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा कई वजहों से फोकस में थी
(फोटो: PTI)

advertisement

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत और पाकिस्तान दोनों जगह गए पर किसे उम्मीद के मुताबिक मिला? इसका एनालिसिस करने में यही लगता है कि क्राउन प्रिंस ने दिल्ली में बहुत अच्छी अच्छी बातें तो कीं लेकिन भारत जो कहलवाना चाहता था, वो बात सऊदी मेहमान नहीं बोले.

क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा दो वजह से फोकस में थी. पहला वो भारत आने से पहले पाकिस्तान में थे और दूसरी वजह थी कि उनके पाकिस्तान पहुंचने से पहले ही पुलवामा अटैक हो गया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए.

पाकिस्तान तो खुश है क्राउन प्रिंस की यात्रा से

पाकिस्तान की उम्मीदें ज्यादा थीं उसे माल (आर्थिक मदद) भी चाहिए थी और थोड़ा सम्मान भी. इस लिहाज से शायद उसे मिल गया. खाली खजाने के लिए 20 अरब डॉलर की मदद का वादा और आगे भरपूर निवेश का भरोसा मिल गया.

क्राउन प्रिंस ने पाकिस्तान के खाली खजाने को 20 अरब डॉलर की मदद का वादा किया (फोटो: AP)

लेकिन सबसे बड़ी बात तो साझा बयान में हाथ लग गई. जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान तो बेचारा है आतंकवाद का मारा है. इसमें भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मसलों को बातचीत के जरिए सुलझाने की वकालत कर दी.

ये सब उस वक्त हुआ जब भारत पुलवामा अटैक के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह चुके थे कि अब पाकिस्तान से बातचीत का वक्त निकल गया, पर सऊदी अरब तमाम मुद्दे बातचीत के जरिए हल करने की वकालत कर रहा है.

सऊदी-पाकिस्तान साझा बयान देखिए

पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों ने आतंकवाद से मुकाबले में बहुत कुर्बानियां दी हैं और आगे भी पीछे नहीं हटेंगे. संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इसे ऐसे समझिए कि भारत कई सालों से संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित करने की मांग कर रहा है लेकिन चीन का वीटो उसे बचा लेता है. अब क्राउन प्रिंस ने इस पूरी प्रक्रिया को ही राजनीतिकरण बता दिया..

क्राउन प्रिंस के मुताबिक इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तमाम मुद्दे सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत ही है. जबकि नरेंद्र मोदी कह चुके हैं कि बातचीत का वक्त खत्म हो गया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

भारत में क्राउन प्रिंस क्या बोले

पाकिस्तान के बाद भारत आए क्राउन प्रिंस ने भारत को आतंकवाद से निपटने में सहयोग का वादा तो किया पर एक भी बार पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान का नाम नहीं लिया. आतंकवाद का तो जिक्र हुआ पर उसमें भी पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया. मतलब दूसरे देशों के साथ जो साझा बयान होते हैं करीब करीब वैसा ही था.

पुलवामा हमले की सऊदी अरब ने निंदा तो की पर इसके लिए जिम्मेदार कौन है ये बात हवा में छोड़ दी. आतंकवाद पर क्राउन प्रिंस ने कहा कि भारत और सऊदी अरब दोनों के लिए फिक्र की वजह है. इस निपटने में सऊदी अरब भारत ही नहीं दूसरे पड़ोसी देशों के साथ भी पूरा सहयोग करेगा.

मैं भारत को कहना चाहता हूं कि हम आपको आतंकवाद से जुड़े मामलों में पूरी मदद करेंगे. खुफिया जानकारी सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि दूसरे पड़ोसी मुल्कों को भी देंगे

हालांकि पीएम मोदी ने पुलवामा हमले को आतंकवाद का बर्बर रूप बताते हुए आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों को दंड देने पर जोर दिया. लेकिन दोनों नेताओं ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया.

बिजनेस रिश्ते पर ज्यादा जोर रहा

पाकिस्तान से इस लिहाज में भारत बहुत आगे निकल गया है. पाकिस्तान को आर्थिक बर्बादी से बचाने के लिए सऊदी अरब 20 अरब डॉलर की मदद करेगा, जबकि भारत में बिजनेस की संभावनाओं के देखते हुए 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा.

दोनों देशों के बीच ट्रेड और निवेश समेत 5 समझौतों पर दस्तखत हुए. हर दूसरे साल शिखर बैठक करेंगे और इसके लिए स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल बनेगी.

क्राउन प्रिंस ने बैलेंस बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान में करीब करीब बराबर वक्त बिताया. पाकिस्तान से सीधे आने के बजाए इस्लामाबाद से कुछ घंटे के लिए रियाद चले गए और वहां से भारत पहुंचे ताकि स्वतंत्र यात्रा लगे.

कुल मिलाकर क्राउन प्रिंस ने भारत आकर अच्छी अच्छी बातें की, दोनों देशों के बीच सदियों से चले आ रहे रिश्तों की दुहाई दी. निवेश का वादा किया, भारतीय को सऊदी अरब के विकास के लिए धन्यवाद दिया पर वो नहीं कहा जो उन्हें कहना चाहिए था या शायद भारत को जिसकी उम्मीद थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Feb 2019,10:04 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT