Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019देश के पहले समलैंगिक जज हो सकते हैं सौरभ किरपाल, कॉलिजियम ने दी मंजूरी

देश के पहले समलैंगिक जज हो सकते हैं सौरभ किरपाल, कॉलिजियम ने दी मंजूरी

सौरभ किरपाल पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीएन किरपाल के बेटे हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>सौरभ किरपाल</p></div>
i

सौरभ किरपाल

फोटो- द क्विंट

advertisement

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कॉलिजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज के लिए वरिष्ठ वकील सौरभ किरपाल के नाम की सिफारिश की है. सौरभ समलैंगिक हैं और कॉलिजियम की इस सिफारिश को समलैंगिकों के अधिकार की लड़ाई में मील का पत्थर माना जा रहा है. जज के पद पर 2018 से उनकी दावेदारी थी, लेकिन तब से 4 बार इसे टाला चुका था.

जस्टिस रमना के नेतृत्व वाले कॉलिजियम ने 11 नवंबर की बैठक के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के जज के तौर पर उनके नाम की सिफारिश की है. हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति वाले कॉलिजियम में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस ए एम खानविलकर भी सदस्य है.

केंद्र सरकार सौरभ को जज बनाए जाने का पहले विरोध कर चुकी है. सरकार की आपत्ति इस बात को लेकर है कि सौरभ के पार्टनर एक यूरोपीय नागरिक हैं और स्विस दूतावास में काम करते हैं. सरकार इसे लाभ के पद का (कन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट) का मामला मानती है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अप्रैल में दिए एक इंटरव्यू में सौरभ ने सरकार की आपत्ति को लेकर कहा था, ''मेरे 20 साल पुराने पार्टनर का विदेशी मूल को सुरक्षा के लिए खतरा बताना एक दिखावटी वजह है. यह मानने को मजबूर करता है कि यह पूरा सच नहीं है. इसलिए मुझे लगता है कि मेरी सेक्शुअलिटी की वजह से मेरे नाम पर विचार नहीं किया गया.''

कपिल के नाम की सिफारिश इसलिए भी अहम हैं क्योंकि सितंबर 2018 में जब सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 के तहत समलैंगिकता को अपराध के दायर से बाहर करने का फैसला दिया था, उस वक्त वह 2 प्रमुख याचिकाकर्ताओं नवतेज जोहर और रितु डालमिया के वकील थे.

सौरभ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बीएन किरपाल के बेटे हैं और उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसी प्रतिष्ठित जगहों से पढ़ाई की है. उन्हें वकालत के क्षेत्र में लगभग 2 दशकों का अनुभव है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 16 Nov 2021,08:16 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT