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राजीव गांधी मर्डर केस में साजिश की जांच पर SC ने मांगी रिपोर्ट

हत्या मामले में आजीवन कैद काट रहा पेरारविलन कई बड़े लोगों के शामिल होने का आरोप लगाता रहा है

द क्विंट
भारत
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी
(Photo: The Quint)

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में जानकारी देने का निर्देश दिया है. गुरुवार को कोर्ट ने हत्या में आत्मघाती हमलावर धनु की इस्तेमाल की गई बम बेल्ट को बनाने की साजिश की जांच की जानकारी मांगी.

इस बम बेल्ट का इस्तेमाल कर तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या की गई थी. जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने ए.जी. पेरारविलन की याचिका पर साजिश के इस पहलू पर की गई जांच की जानकारी मांगी. पेरारविलन हत्या की साजिश में दोषी के रूप में मामले में आजीवन कैद काट रहा है.

जस्टिस गोगोई ने सीबीआई की तरफ से पेश अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह से कहा, "इस पहलू की पुन: जांच या आगे जांच का क्या परिणाम है? कृपया हमें इस बारे में बताएं."

पेरारिवलन के वकील गोपाल शंकरनारायण ने कई मुद्दों को उठाना चाहा. इस पर बेंच ने कहा कि जहां तक पेरारिवलन से संबंधित मुद्दे की बात है तो यह सिर्फ बेल्ट बम बनाने के पीछे साजिश की जांच है.

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ऊंचे लोगों के शामिल होने का आरोप

पेरारिवलन जैन कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर राजीव गांधी हत्या मामले में बड़ी जांच की मांग कर रहा है. जैन कमीशन ने ही हत्या के साजिश के बारे में जांच की थी.

इस साल उसकी याचिका पर शीर्ष अदालत ने एक मई को सीबीआई को उस समय सीमा को बताने को कहा था, जिसमें वह हत्या की बड़ी साजिश की जांच पूरी कर लेगी.

उस सुनवाई में मनिंदर सिंह ने अदालत से कहा था कि जांच में कुछ समय लगेगा क्योंकि कुछ आरोपी विदेश भाग गए और उनके प्रत्यर्पण की जरूरत होगी.

पेरारिवलन मामले को लेकर बीते साल सुप्रीम कोर्ट गया था. पेरारिवलन ने दलील दी कि न तो सीबीआई और न ही बहु अनुशासनिक निगरानी एजेंसी (एमडीएमए) ने मामले की सही जांच की. उसने इसमें कई ऊंचे लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया. एमडीएमए को मामले की विस्तृत जांच के लिए बनाया गया था.

मामले की अगले हफ्ते फिर सुनवाई होगी.

-(इनपुट Ians से)

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