Home News India कर्नाटक मामले पर SC में बीजेपी-कांग्रेस ने क्या-क्या दलीलें दी
कर्नाटक मामले पर SC में बीजेपी-कांग्रेस ने क्या-क्या दलीलें दी
कर्नाटक में सियासी संकट जारी, जानिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ
क्विंट हिंदी
भारत
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कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी
(फोटोः Altered By Quint)
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कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को न्योता देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस - जेडीएस की संयुक्त याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बहुमत परीक्षण के लिए शनिवार शाम 4 बजे का वक्त तय किया है.
जानिए सुनवाई में दोनों पक्षों ने क्या दलीलें दीं और कोर्ट ने क्या तय किया?
बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने दी ये दलील
बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने राज्यपाल को दिए गए येदियुरप्पा को पत्रों को कोर्ट में पढ़कर सुनाया.
सुप्रीम कोर्ट ने येद्दियुरप्पा के वकील मुकुल रोहतगी से कांग्रेस - जेडीएस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों को पत्र की प्रतियां मुहैया कराने को कहा.
येद्दियुरप्पा के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कांग्रेस - जेडीएस गठबंधन एक ‘‘नापाक” गठबंधन है.
रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कर्नाटक की जनता ने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस को बाहर कर दिया है और अकेले सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी पार्टी ही जनादेश है.
रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को उस पत्र के बारे में बताया जो येद्दियुरप्पा ने 16 मई को राज्यपाल को भेजा था, और जिसमें कहा था कि बीजेपी को अन्य का समर्थन हासिल है और वह ‘‘स्थिर सरकार'' देगी.
रोहतगी ने तुरंत बहुमत परीक्षण का विरोध जताया.
येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शक्ति परीक्षण के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
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जस्टिस सीकरी ने येद्दियुरप्पा के वकील से किए सवाल
जस्टिस सीकरी ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस और जेडीएस ने गवर्नर को बहुमत की संख्या का पत्र दिया है, दूसरी तरफ येदियुरप्पा का दावा है कि उनके पास बहुमत है. किस आधार पर राज्यपाल ने येदियुरप्पा को गठबंधन के ऊपर तरजीह दी?
जस्टिस सीकरी ने कहा कि अगर स्पष्ट बहुमत होता, तो कोई समस्या नहीं होता, अगर चुनाव से पहले गठबंधन होता तो स्थिति अलग होती, लेकिन चुनाव बाद गठबंधन से इसकी प्राथमिकता कम नजर आती है.
जस्टिस सीकरी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर दो पार्टियां अपने-अपने दावे कर रही हैं, तो गवर्नर ने किस आधार पर फैसला किया. इस पर बीजेपी के वकील ने कहा कि ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बेहतर होगा कि शनिवार को बहुमत परीक्षण हो.
कोर्ट ने कहा सदन को फैसला करने दीजिए और इसका सबसे बेहतर तरीका शक्ति परीक्षण होगा
कोर्ट ने कल ही शक्ति परीक्षण कराने को कहा हालांकि मुख्यमंत्री ने कम से कम सोमवार तक का समय मांगा
कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में कल यानी शनिवार शाम चार बजे शक्ति परीक्षण का आदेश दिया
कोर्ट ने शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान कराने का येदियुरप्पा का अनुरोध खारिज किया
सुनवाई के दौरान रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का भी जिक्र हुआ. बीजेपी के वकील ने जब कहा कि कांग्रेस-जेडीएस ने अपने विधायकों को कर्नाटक के बाहर बंद कर रखा है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिस रिजॉर्ट में विधायक रखे गए हैं उनके मालिक की भी शिकायत आ रही है कि उन्हें भी रिजॉर्ट में घुसने नहीं दिया जा रहा.
कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने क्या कहा?
कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर शनिवार को बहुमत परीक्षण के लिए सदन को बुलाया जाता है, तो भी इस मामले में कानून सम्मत निर्णय होना चाहिए कि क्या इस मामले में राज्यपाल निर्णय ले सकते हैं.
सिंघवी ने कहा- राज्यपाल कैसे बीजेपी को बहुमत सिद्ध करने का मौका दे सकते हैं, जबकि कांग्रेस-जेडीएस के पास पूरी संख्या है.
सिंघवी ने कोर्ट से फ्लोर टेस्ट तक कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की मांग की.
सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस सदन में शनिवार को फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है.
सिंघवी ने रोहतगी की दलील पर कहा कि बीजेपी ने बहुमत का दावा किया है. लेकिन क्या उनके पास इसके समर्थन में पत्र है या वह अपने मन से ही ऐसा कह रहे हैं?