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सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि गोरक्षकों की ज्यादतियों का शिकार हुए पीड़ितों को राज्य सरकार मुआवजा दे. कोर्ट ने सभी राज्यों से गोरक्षक समूहों की हिंसा को रोकने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करने का आदेश दिया था. इस मामले में भी सभी राज्यों को रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
कोर्ट ने कहा कि राज्य पीड़ितों को मुआवजा देने की योजना बनाने के लिए बाध्य है और अगर उन्होंने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है तो जरूर बनाएं. इस संबंध में एक याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से गोरक्षकों की हिंसा के शिकार लोगों को मुआवजे दिए जाने का आग्रह किया.
जयसिंह ने कहा कि इस तरह के अपराध को रोकने के लिए राष्ट्रीय नीति होनी चाहिए. इन याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी कोर्ट को बताया कि गोरक्षा के नाम पर अपराधी जमानत पर रिहा होने के दौरान पीड़ित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई और उसका उत्पीड़न किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में सभी राज्यों से कहा था कि वे गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा को काबू करने के लिए कदम उठाएं और अपनी रिपोर्ट दाखिल करें.
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