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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन(SCO summit) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान उग्रवाद और कट्टरता में वृद्धि को अफगानिस्तान और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कहा.
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में SCO समिट का आयोजन किया जा रहा है. अपने छह मिनट के भाषण में, पीएम मोदी ने कहा कि SCO के सदस्य देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समूह मिलकर काम करे ताकि इस क्षेत्र में चरमपंथ में कोई वृद्धि न हो. शंघाई सहयोग संगठन में भारत, चीन और पाकिस्तान सहित अन्य पड़ोसी देश शामिल हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि “अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव भारत जैसे पड़ोसी देशों पर होगा और इसलिए, इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और सहयोग आवश्यक है. इस संदर्भ में हमें चार विषयों पर ध्यान देना होगा”-
अफगानिस्तान में सत्ता-परिवर्तन समावेशी नहीं है, और बिना नेगोसिएशन के हुआ है.
अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद बना रहेगा, तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा. अन्य उग्रवादी समूहों को हिंसा के माध्यम से सत्ता पाने का प्रोत्साहन भी मिल सकता है.
अफगानिस्तान के घटनाक्रम से ड्रग्स, अवैध हथियारों और मानव तस्करी का अनियंत्रित प्रवाह बढ़ सकता है. बड़ी मात्रा में एडवांस हथियार अफगानिस्तान में रह गए हैं. इनके कारण पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बना रहेगा.
चौथा विषय अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय संकट का है. फाइनेंस और ट्रेड में रुकावट के कारण अफगान जनता की आर्थिक विवशता बढ़ती जा रही है. साथ में COVID की चुनौती भी उनके लिए यातना का कारण है.
पीएम मोदी ने इस्लाम से जुड़े उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने की भी बात कही.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि "मध्य एशिया की इस ऐतिहासिक विरासत के आधार पर SCO को कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने का एक आम खाका बनाना चाहिए. भारत में और SCO के लगभग सभी देशों में इस्लाम से जुड़े उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थान और परंपराएं हैं"
SCO के सबसे नए पूर्ण सदस्य ईरान के साथ कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि सभी सदस्य दशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कनेक्टिविटी परियोजना अफगानिस्तान की स्थिति से प्रभावित नहीं होनी चाहिए और देश की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO समिट में कहा कि संगठन के सदस्य देशों को अफगानिस्तान के साथ सहयोग करना चाहिए और काबुल को एक व्यापक और समावेशी राजनीतिक सरकार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
शी जिनपिंग ने कहा कि अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की जरूरत है, खासकर अपने पड़ोसियों से.
1996 में शुरू हुआ था SCO सोवियत संघ के पतन के साथ चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और किर्गिस्तान के बीच एक विश्वास बढ़ाने के उपाय के रूप में शुरू किया गया था. भारत, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी अब इसके स्थायी सदस्य हैं. समूह ने हालिया शिखर सम्मेलन में अपने नवीनतम डायलग पार्टनर्स के रूप में सऊदी अरब, मिस्र और कतर को शामिल किया है.
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