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अफगानिस्तान (Afghanistan) से उठे खतरे को लेकर 10 नवंबर को भारत (India) द्वारा शुरू की जा रही क्षेत्रीय वार्ता में सात देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) सुरक्षा संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे. हालांकि चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) इस वार्ता का हिस्सा नहीं होंगें और ये वार्ता विदेश मंत्रालय द्वारा कराई जाने वाली वार्ता से अलग होगी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार या पांच सेंट्रल एशियाई देश - तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रूस और ईरान के साथ मिलकर भारत में अफगानिस्तान के विषय पर मुलाकात करेंगे.
इस तरह की मीटिंग में ये पहली ऐसी मीटिंग होगी जिसमें हिस्सा लेने वाले देशो की संख्या अब तक की सबसे ज्यादा संख्या होगी. मीटिंग की अध्यक्षता भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल करेंगे. इससे पहले अब तक ईरान ने इस विषय पर मीटिंग की है.
बीते कुछ महीनो में अफगानिस्तान के विषय पर भारत ने लगातार क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तर पर वार्ता की है. मध्य एशिआई देशों के सुरक्षा संस्थानों के साथ भी भारत की गहन बातचीत जारी रही है. G20 में भी भारत ने अफगानिस्तान पर होने वाली वार्ता में हिस्सा लिया.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर BRICS देशों की मीटिंग का भी आयोजन किया था. रूस के सुरक्षा सलाहकार, सुरक्षा और इंटेलिजेंस के टॉप अधिकारियों के साथ इसी साल सितंबर में वार्ता के लिए भारत आए थे.
एएनआई के हवाले से एक सूत्र ने कहा-
हिस्सा लेने वाले देशों के लिए अफगानिस्तान में अस्थिरता एक अलग चिंता का विषय है.
सभी सुरक्षा सलाहकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सभी प्रतिभागियों के डिनर पार्टी का भी आयोजन करेंगे.
सूत्रों ने बताया की मुलाकात में मुख्य एजेंडा -अफगानिस्तान में बढ़ रहे आतंकवाद और उससे पैदा होने वाले बॉर्डर पर घुसपैठ और आतंकवाद और उसके साथ क्षेत्र में बाद रहे कट्टरवाद होंगे.
सूत्रों ने यह भी बताया की मध्य एशिआई देश उनके देशों में बढ़ रही ड्रग्स तस्करी और मानव तस्करी को लेकर भी चिंतित है. सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान में भारी मात्रा में छोड़े गए हथियारों से होने वाले खतरे के विषय में भी चर्चा होगी.
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