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लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी एसपीजी संशोधन बिल को मंजूरी मिल गई है. सरकार ने स्पष्ट किया कि यह संशोधन राजनीतिक प्रतिशोध के चलते किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं बनाया गया है बल्कि इससे प्रधानमंत्री सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
बिल पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई. गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब दिया और पूछा कि गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा की ही जिद क्यों है? उन्होंने कहा कि एसपीजी का इस्तेमाल स्टेटस सिंबल के लिए नहीं हो सकता. शाह ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गई है. कांग्रेस सदस्यों के वॉकआउट के बीच मंगलवार को यह बिल राज्यसभा में भी पास हो गया.
बिल पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'सुरक्षा कभी स्टेटस सिंबल नहीं हो सकती है. एसपीजी ही क्यों? हो सकता है कि देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा किसी आम आदमी को खतरा हो. राम मंदिर आंदोलन के वक्त अशोक सिंघल को तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी ज्यादा खतरा था लेकिन उन्हें एसपीजी नहीं मिली. एसपीजी प्रधानमंत्री के लिए बनी है.'
अमित शाह ने कहा कि एसपीजी के लिए कांग्रेस की जिद उनकी समझ से बाहर है. उन्होंने कहा, 'अब कोई प्रधानमंत्री नहीं रहता है तो बाद में भी उसे एसपीजी सुरक्षा मिलेगी, ऐसा नहीं चलेगा. नरेंद्र मोदी इस देश के प्रधानमंत्री हैं, उन्हें ही एसपीजी सुरक्षा मिलेगी. जहां तक खतरे की बात है तो गांधी परिवार ही क्यों, गांधी परिवार समेत 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, राज्य सरकार की है. लेकिन हमें तो सिर्फ एसपीजी चाहिए, यह जिद समझ में नहीं आती.'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल को एक परिवार को ध्यान में रखकर लाया गया है. गांधी परिवार के सदस्यों को ध्यान में रखकर लाया गया है. ऐसा नहीं है. इस बिल और गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा के बीच कोई संबंध नहीं है.'
अमित शाह ने कहा, ‘कहा जा रहा है कि राजनीतिक बदले की भावना से बिल में संशोधन किया गया. यह गलत है. इससे अगर किसी को नुकसान होगा तो नरेंद्र मोदी को होगा. जब वह प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो उन्हें भी एसपीजी सुरक्षा नहीं मिलेगी, अनंतकाल तक नहीं मिलेगी.'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के सदस्य बहुत ज्यादा इमोशनल हो गए कि सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इस देश में सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा नहीं हो सकती.'
अमित शाह ने कहा, 'एसपीजी एक्ट में अब तक चार बार संशोधन हुआ. यह पांचवां है. पांचवां परिवर्तन किसी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है. उससे पहले ही समीक्षा करके उन्हें सीआरपीएफ जेड प्लस सुरक्षा दी गई जो एएसएल और एंबुलेंस के साथ है. यह 24 घंटे है. यह देश में किसी व्यक्ति को दी गई सर्वोच्च सुरक्षा है. असल में पिछले चारों परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे.'
गृह मंत्री ने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा में जो जवान तैनात हैं वे पहले एसपीजी में भी रह चुके हैं, इसलिए सुरक्षा से समझौते के आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा, 'एसपीजी में 33 प्रतिशत बीएसएफ से, 33 से 34 प्रतिशत सीआरपीएफ से, 17 प्रतिशत सीआईएसएफ से, आईटीबीपी से 9 प्रतिशत और अन्य राज्यों की पुलिस से 1 प्रतिशत जवान हैं. 5 साल बाद इन्हें इनके संगठन में वापस भेज दिया जाता है. गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की सुरक्षा में वहीं लोग लगाए गए हैं जो कभी एसपीजी में रह चुके हैं. एसपीजी कवर सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए है और उनके लिए ही होना चाहिए.'
गृह मंत्री शाह ने कहा, 'गांधी परिवार की सुरक्षा हटाई नहीं गई है, बदली गई है. उन्हें वह सुरक्षा दी गई है जो रक्षा मंत्री के पास है, गृह मंत्री के पास है, राष्ट्रपति के पास है. देश की सबसे बड़ी नागरिक सुरक्षा उन्हें दी गई है. जेड प्लस, विद एएसएल और विद एंबुलेंस.'
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की हत्या के मामले में आयोग की रिपोर्ट ने यह कहा था कि पर्याप्त सुरक्षा दिए बगैर एसपीजी सुरक्षा हटाई गई थी. इसलिए उनकी सुरक्षा से समझौता हुआ. हम ऐसा नहीं कर रहे हैं.
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