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दिल्ली चुनाव: जहां CAA का विरोध मजबूत, वहां मतदान हुआ ज्यादा

सीलमपुर, मटियामहल जैसी सीटों पर सीएए के विरोध प्रदर्शन में हिंसा हुई थी, दोनों सीटों पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है.

क्विंट हिंदी
भारत
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दिल्ली में   8 फरवरी को हुई वोटिंग
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दिल्ली में 8 फरवरी को हुई वोटिंग
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाम 6 बजे तक महज 57 फ़ीसदी वोटिंग हुई. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा का सामना कर चुके सीलमपुर और माटियामहल विधानसक्षा में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई.

मुस्तफाबाद के साथ इन दो सीटों पर सबसे ज्यादा वोटर टर्नआउट देखा गया. वहीं ओखला विधानसभा में 50.05 फीसदी वोटिंग हुई. बता दें शाहीन बाग ओखला विधानसभा में ही आता है. बीजेपी ने शाहीन बाग को इस चुनाव में मुद्दा बनाया था.

इलेक्शन कमीशन के डेटा के मुताबिक, उत्तरपूर्व दिल्ली में पड़ने वाली मुस्तफाबाद विधानसभा में रिकॉर्ड स्तर पर शाम पांच बजे तक 66.29 प्रतिशत मतदान हुआ. बता दें 2015 में यहां से बीजेपी चुनाव जीती थी. उस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें ही हासिल हुई थीं. यहां से बीजेपी कैंडिडेट जगदीश प्रधान ने तीन बार के कांग्रेस विधायक हसन अहमद को हराया था.

वहीं पुरानी दिल्ली स्थित माटियामहल में 65.62 फीसदी वोटिंग हुई. यहां 21 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिनमें 45 लोग घायल हो गए थे. बता दें 21 दिसंबर को दरियागंज पुलिस स्टेशन के बाहर एक गाड़ी को जला दिया गया था. पुलिस ने वहां लाठीचार्ज किया था और भीड़ को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था.

एक और अल्पसंख्यक बहुल सीट सीलमपुर के इलाके में 17 दिसंबर को हिंसा और आगजनी हुई थी. यहां 64.92 फीसदी वोटिंग हुई. 17 दिंसबर को करीब दो हजार लोगों की भीड़ न्यू सीलमपुर चौक पर इकट्ठी हुई थी. यह लोग नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे थे.

लेकिन इन लोगों द्वारा पुलिस पर पथराव चलाने के बाद हिंसा हो गई, जिसमें कुछ बसों और मोटरसाइकिलों को जला दिया गया था. इस दौरान 12 पुलिसवालों के साथ-साथ करीब 22 लोग घायल हुए थे.

शनिवार को शाहीन बाग में कुछ मतदाताओं ने सूची से अपना नाम हटाए जाने की भी शिकायत की. शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों ने बैच में जाकर वोट दिए, ताकि उनका प्रदर्शन प्रभावित न हो पाए.

एग्जिट पोल के नतीजों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की वापसी बताई जा रही है. ज्यादातर पोल में आम आदमी पार्टी को 50 से 61 सीट दी जा रही हैं.

2015 में सिर्फ तीन सीटें जीतने वाली बीजेपी को कुछ सीटों का फायदा हो सकता है और उसका आंकड़ा 10 से 26 सीटों के बीच हो सकता है. वहीं कांग्रेस को 0 से दो सीटें मिलने का अंदाजा लगाया जा रहा है.

सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस

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Published: 09 Feb 2020,09:54 AM IST

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