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टाइम्स हायर एजुकेशन की वर्ल्ड रैंकिंग में शामिल नहीं होंगे 7 IITs

इन सात IIT में से तीन संस्थानों को इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस (IoE) का स्टेटस दिया गया है

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भारत
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इन सात IIT में से तीन संस्थानों को इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस (IoE) का स्टेटस दिया गया है
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इन सात IIT में से तीन संस्थानों को इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस (IoE) का स्टेटस दिया गया है
(फाइल फोटो: Wikimedia Commons)

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देश की सात IITs ने टाइम्स हायर एजुकेशन (THE)-वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2020 में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. ये सभी IIT देश में इंजीनियरिंग के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं. IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली, IIT गुवाहाटी, IIT कानपुर, IIT खड़गपुर, IIT मद्रास और IIT रुड़की ने एक साझा प्रेस रिलीज में बताया कि उन्होंने अपना नाम इस रैंकिंग से वापस ले लिया है.

इन सभी IIT का कहना है कि रैंकिंग के मानदंडों में पारदर्शिता की कमी की वजह से ये फैसला लिया गया है. प्रेस रिलीज में कहा गया कि ये सभी IIT अगले साल अपने फैसले की समीक्षा कर सकते हैं, अगर टाइम्स हायर एजुकेशन उन्हें अपने रैंकिंग प्रोसेस में मानदंडों और पारदर्शिता के बारे में संतुष्ट कर सकेगा.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पिछले साल इनमें से कोई भी संस्थान टॉप 200 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में जगह नहीं बना पाया था. IIT बॉम्बे, दिल्ली और खड़गपुर 401-500 वाले ब्रैकेट में थे. IIT दिल्ली के डायरेक्टर वी रामगोपाल राव ने indianexpress.com से कहा, "टाइम्स हायर एजुकेशन को पता ही नहीं कि भारत में क्या चल रहा है. उन्हें हमारे संस्थानों के बारे में कुछ नहीं पता. QS हमें रिसर्च में काफी अच्छा रैंक देता है."

इन सात IIT में से तीन संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (IoE) का स्टेटस दिया गया है. इस स्टेटस का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल रैंकिंग्स में टॉप 500 में आना है.

THE किस आधार पर देता है रैंकिंग?

टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि संस्थान रैंकिंग के लिए अपना डेटा देते हैं. THE की वेबसाइट कहती है, "कभी-कभार ऐसा होता है कि कोई डेटा प्वॉइंट नहीं दिया जाता, तो हम उसके लिए एक कंजर्वेटिव अनुमान इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने से हम संस्थान को उस प्वॉइंट के लिए 'जीरो' नहीं देते हैं, लेकिन हम इसके लिए संस्थान को रिवॉर्ड भी नहीं देते."

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