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#YearEnder: साल 2016 में BJP सरकारों ने इन मुद्दों पर लिया यू-टर्न

बीजेपी को राजनीतिक फायदे या विरोध के कारण अपने कुछ फैसलों से यू-टर्न भी लेना पड़ा.

द क्विंट
भारत
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बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह. (फोटो: Reuters)
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बीजेपी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह. (फोटो: Reuters)
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भारतीय जनता पार्टी को केंद्र की सत्ता में आए ढाई साल से ज्यादा समय गुजर चुका है. सरकार मिड-टर्म फेज में चल रही है. इस दौरान सरकार ने एक ओर देश की तस्वीर बदलने वाले नोटबंदी जैसे बड़े फैसले लिए, दूसरी ओर उसे राजनीतिक फायदे या राजनीतिक-सामाजिक विरोध के कारण अपने कुछ फैसलों से यू-टर्न भी लेना पड़ा.

आगे ऐसे ही मामलों पर चर्चा की गई है, जिससे बीजेपी का यू-टर्न साफ झलकता है.

नोटबंदी

नवंबर में सरकार की ओर से हजार और पांच सौ रुपये का लीगल टेंडर रद्द किये जाने के 50 दिनों के दरम्यान रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय करीब 60 बार अपने फैसलों को बदल चुकी है.

NDTV मामला

करीब डेढ़ महीने पहले सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने हिन्दी न्‍यूज चैनल एनडीटीवी को पठानकोट कवरेज के दौरान संवेदनशील जानकारी प्रसारित करने पर नौ नवंबर को ‘ऑफ-एयर' रहने का आदेश जारी किया था. हालांकि इसके बाद सोशल मीडिया में सरकार की कड़ी आलोचना होने और इसके खिलाफ चैनल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर सरकार ने अपने आदेश को होल्ड पर रख दिया.

दिल्ली: पूर्ण राज्य का दर्जा

दिसंबर की शुरुआत में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का विरोध करना राजनीतिक इतिहास का सबसे बड़ा यू-टर्न है.

आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने जिस तरह दिल्ली के फुल स्टेटहुड के खिलाफ बयान दिया है, उससे साबित हो जाता है कि बीजेपी अपने ही वादे से यू-टर्न ले रही है.

ईपीएफ टैक्स

मार्च में ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते से धन निकासी पर भारी टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया था, हालांकि बाद में राजनीतिक दलों और लोगों के विरोध के कारण सरकार ने यह प्रस्ताव वापस लेने की घोषणा कर दी.

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आपत्तिजनक पोस्ट

नवंबर के दौरान बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई ने अपने फेसबुक ‘बीजेपी4एमपी' के आॅफिशियल पेज पर एक आपत्तिजनक पोस्ट जारी किया था. इसके बाद एमपी कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान को मानहानि का नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा.

बीजेपी ने अपने पेज पर ‘कांग्रेस का हाथ-आतंकवादियों के साथ' लिखा था. नोटिस भेजने के बाद बीजेपी ने अपने पेज से वह पोस्ट हटा ली.

एनसीईआरटी की किताबें

मध्य प्रदेश में ही बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान सरकार के कैबिनेट ने प्रदेश के सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाने का फैसला लिया था, लेकिन सरकार ने चुपके से इस मामले में यू-टर्न ले लिया.

सरकार ने बाद में कहा कि कैबिनेट का फैसला सरकारी स्कूलों के लिए है, सीबीएसई या मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमएसएम) के दूसरे निजी स्कूलों के लिए नहीं.

प्रोफेसर की भर्ती में रिजर्वेशन

जून महीने में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में पिछड़े वर्ग के प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती में रिजर्वेशन का लाभ नहीं दिए जाने का फैसला लिया जाना था. लेकिन इससे राजनीतिक नुकसान की आशंका को देखते हुए मानव संसाधन मंत्रालय ने यू-टर्न ले लिया.

इससे पहले यूजीसी की ओर से जारी संशोधित आदेश पर आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए बीजेपी की पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता का जमकर विरोध करने का ऐलान किया था, जिसके बाद यूजीसी ने एक पत्र जारी करके कहा कि शिक्षकों की भर्ती में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण संबंधी नीति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

पर्रिकर सरकार वायदे से मुकरी

सितंबर में गोवा में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में बगावत हो गई, जिससे बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गईं. आरएसएस के गोवा प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को हटाये जाने के बाद गोवा के करीब 400 स्वयंसेवकों ने संघ से अलग होकर वेलिंगकर के साथ जुड़ने का फैसला किया.

स्वयंसेवकों ने स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह लोग वेलिंगकर को हटाए जाने के विरोध में संगठन से अलग हो रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने वेलिंगकर के नेतृत्व में ‘भाषा सुरक्षा मंच' नामक संगठन बनाकर गोवा में चुनाव लड़ने का फैसला किया.

वेलिंगकर ने गोवा की मनोहर पर्रिकर सरकार पर अपने वायदे से मुकरने का आरोप लगाया था. पर्रिकर ने गोवा के स्कूलों में कोंकणी और मराठी भाषा को महत्व दिए जाने का वादा किया था.

-इनपुट भाषा से

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