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पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को 14 अगस्त को दिल्ली से वापस कश्मीर भेज दिया गया. इसके बाद उन्हें श्रीनगर में जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया. संबंधित अधिकारियों ने बताया कि फैसल इस्तांबुल जाने वाले थे.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए जाने के बाद श्रीनगर पहुंचने पर शाह फैसल को पीएसए के तहत फिर से हिरासत में लिया गया.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के बेअसर होने पर फैसल ने कहा था कि कश्मीर में अप्रत्याशित बंद चल रहा है. साल 2010 में सिविल सेवा में टॉप करने वाले फैसल ने कहा था, ‘‘ आप कह सकते हैं कि 80 लाख की आबादी कैद की ऐसी स्थिति का सामना कर रही है जो उसने पहले कभी नहीं देखी है.’’
फैसल ने कहा था, ‘‘जिन लोगों के पास डिश टीवी है, वे ही खबरें देख पा रहे हैं. केबल सेवा बंद है. बहुत सारे लोगों को जो हुआ है उसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है. कुछ घंटे पहले तक रेडियो काम कर रहा था. ज्यादातर लोग डीडी देख रहे हैं. राष्ट्रीय मीडिया को अंदरूनी इलाकों में जाने नहीं दिया जा रहा है.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा था, ‘‘हवाई अड्डे पर, मैंने दुखी युवाओं की भीड़ से मुलाकात की. वे मुझसे पूछ रहे हैं कि हमें क्या करना चाहिए. मैंने कहा कि हम एक साथ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस नाइंसाफी को बदलने को कहेंगे. सभी सियासी पार्टियां इन असंवैधानिक कानूनों को चुनौती देने के लिए एकजुट हैं. ये कानून हमें हमारे इतिहास और पहचान से वंचित करते हैं.’’
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