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अबतक कुछ लोगों और कुछ नेताओं के जुबानी हमलों के निशाने पर रहा शाहीन बाग आज बंदूक के निशाने पर आ गया है. कपिल गुर्जर नाम के एक युवक ने शाहीन बाग में दिनदहाड़े फायरिंग कर दी. हाल ही में शाहीन बाग से सटे जामिया के पास भी इसी तरह से फायरिंग की गई थी. लेकिन इसके बाद अब जामिया यूनिवर्सिटी के गेट के पास फिर से गोलियां चल गईं.
शाहीन बाग वो जगह जहां नागरिकता कानून के खिलाफ करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन चल रहे हैं. प्रदर्शन वाली जगह से महज कुछ ही दूरी पर कपिल नाम के शख्स ने हवा में फायरिंग शुरू कर दी. गोली चलाने के बाद जब पुलिस ने उसे पकड़ा और मीडिया वाले उसके करीब आए तो उसने जय श्री राम का नारा लगाने के बाद कहा-
अभी हाल ही में मैंने एक वीडियो में आपको बताया था कि आखिर ये जहर कैसे इनके दिमाग में आ रहा है. अब ये दूसरे वाकया है. 30 जनवरी को जिसने जामिया में फायरिंग की. उस नाबालिग लड़के ने कहा था- 'ले लो तुम अब आजादी' मतलब एक तरह की मानसिकता पैदा हो रही है, जिसमें धर्म के नाम पर अलगाव है.
इस वारदात के तुरंत बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सीधा गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा-
वहीं कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता जयवीर शेरगील ने कहा कि "शूटर बदल गया है लेकिन गोली चलाने की विचारधारा वही है, जो 1948 में गोडसे की थी. जो हाथ देश के ग्रोथ के लिए बढ़ना चाहिए था, वो अब फायरिंग कर रहे हैं. 'मेक इन इंडिया' के बजाय 'भारत में नफरत फैलाने' पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है."
अब ऐसे आरोप बीजेपी पर क्यों लग रहे हैं. इसका कारण है, बीजेपी के कुछ नेताओं मंत्रियों सांसदों की बयानबाजी हाल ही में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली की एक चुनावी रैली में खुलेआम नारे लगवाए थे ‘देश के गद्दारों को’ जिसके बाद सामने मौजूद समर्थकों ने इस नारे को पूरा करते हुए कहा- ‘गोली मारो सा** को’. अनुराग ठाकुर ने अपने भाषण में ये नहीं बताया कि वो किसे देश का गद्दार मानते हैं, लेकिन उन्होंने ये नारे शाहीन बाग में प्रदर्शन के जिक्र के बाद लगवाए थे.
ताजा बयान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का है, जिन्होंने 1 फरवरी को दिल्ली के करावल नगर में जनसभा में शाहीन बाग में विरोध कर रहे लोगों को लेकर कहा, 'शाहीन बाग का धरना नागरिकता कानून को लेकर नहीं है, ये धरना इस बात को लेकर है कि भारत दुनिया में एक ताकत के रूप में कैसे बनकर उभर रहा है. उनकी चिढ़ ये है कि इनके पूर्वजों ने भारत के टुकड़े कर दिए थे, शाहीन बाग का धरना नागरिकता कानून के खिलाफ नहीं भारत की तरक्की के खिलाफ है. इनके पूर्वजों ने देश को टुकड़े कर दिए थे.
सवाल उठता है भड़काऊ बयान देने वाले इन नेताओं पर क्या कोई कानूनी कार्रवाई हो सकती है?बात ये है कि मुंह से निकली हुई बात वापस नहीं आती, नेता बयान भड़काऊ बयान दे रहे हैं और उधर दिल्ली के दिल पर गोलियां चल रही हैं. समझने वाली बात है. ये देश हम सबका है और इसे नफरत के आधार पर बांटना देश के साथ गद्दारी है.
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