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महाराष्ट्र सरकार में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को पद्म पुरस्कार कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इस फैसले से एनसीपी प्रमुख शरद पवार नाराज बताए जा रहे हैं. 2021 में दिए जाने वाले पद्म पुरस्कार की सिफरिश केंद्र सरकार को इस कमेटी के जरिए ही की जाती है. केंद्र ने सभी राज्यों से नामों की सिफारिश देने को कहा है.
सरकार द्वारा गठित कमेटी में आदित्य ठाकरे के अलावा कुल 9 लोग रहेंगे. सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सवाल उठाया है कि आदित्य ठाकरे का अनुभव काफी कम है और हाल फिलहाल में उनपर कई आरोप भी लगे हैं. ऐसे वक्त में आदित्य को कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने से पवार हैरान हैं.
जानकारी के मुताबिक, पवार का मानना है कि पद्म पुरस्कार कमेटी का अध्यक्ष या तो मुख्यमंत्री को होना चाहिए या फिर संकृतिक मंत्री को. सूत्र बताते हैं कि पवार ने इस संबंध में सीएम ठाकरे के सामने भी अपनी बात रखी है.
विपक्ष ने भी आदित्य ठाकरे को पद्म पुरस्कार कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल उठाए है. विधान परिषद में नेता विपक्ष प्रवीण दरेकर ने कहा कि मंत्री मंडल में कई अनुभवी नेता होने के बावजूद, आदित्य ठाकरे जैसे अनुभवहीन को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाना ठीक नहीं है.
वहीं, बीजेपी विधायक नितेश राणे ने ट्वीट कर आदित्य ठाकरे की नियुक्ति पर तंज कसा है. नितेश ने ट्वीट में लिखा, "आदित्य ठाकरे के पद्म पुरस्कार कमेटी के अध्यक्ष बने हैं, उमीद करता हूं कि डिनो एम को जल्द पद्म अवॉर्ड न मिल जाए. आखिरकार उन्होंने नाइट लाइफ गैंग में इतना योगदान जो दिया है."
हाल ही में, सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सोशल मीडिया में आदित्य ठाकरे को लेकर सवाल उठे थे. इसके बाद, ठाकरे ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनपर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. विपक्ष पर बरसते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि विपक्षी दल गंदी राजनीति पर उतर आए हैं और ऐसे आरोपों पर ठाकरे परिवार खामोश बैठने वाला नहीं हैं.
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