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दिल्ली में हुए दंगों के मामले में जेएनयू छात्र शरजील इमाम (Sharjeel Imam) को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह (UAPA) के तहत केस दर्ज किया. लेकिन अब शरजील ने एक बार फिर कोर्ट से जमानत की अपील की है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि, अगर आलोचना खत्म हो गई तो समाज भी मर जाएगा और भेड़ के झुंड में बदल जाएगा.
फरवरी 2020 में राजधानी में हुए सांप्रदायिक दंगों में कथित भूमिका के लिए राजद्रोह के आरोप में बंद शरजील इमाम की तरफ से वकील तनवीर अहमद मीर ने एडिशनल जज अमिताभ रावत के सामने अपनी दलीले रखीं.
शरजील इमाम के वकील मीर ने अदालत के सामने दलील देते हुए कहा कि, शरजील इमाम ने अपने भाषण में सिर्फ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की बात कही थी और एक लोकतांत्रिक समाज में यह किसी तरह से राजद्रोह का कारण नहीं बनता.
मीर के अनुसार इमाम ने अपने भाषण में कहा था,
मीर ने अदालत से कहा कि इमाम किसी गैर कानूनी संगठन या किसी आतंकी संगठन का सदस्य नहीं है.
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शरजील इमाम को शाहीन बाग रोड ब्लॉक के पीछे का मास्टरमाइंड बताया है. यह भी आरोप लगाया गया है कि 15 दिसंबर 2019 की दोपहर में इमाम ने जामिया के छात्र अरशद वारसी और उसके साथियों की मदद से शाहीन बाग में कालिंदी कुंज रोड (रोड नंबर 13) पर स्थायी रोडब्लॉक शुरू किया.
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