मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019इस घटना के बाद शीला दीक्षित ने बदला था राजनीति से संन्यास का फैसला

इस घटना के बाद शीला दीक्षित ने बदला था राजनीति से संन्यास का फैसला

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीक्षा दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
शीक्षा दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया
i
शीक्षा दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया
(फोटो: PTI) 

advertisement

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीक्षा दीक्षित का 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने 20 जुलाई को फोर्टिस-एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली. साल 2012 की सर्दियों में दीक्षित की दूसरी एंजियाप्लास्टी हुई थी. ऐसे में उनका परिवार चाहता था कि वह राजनीति छोड़ दें. मगर उसी साल दिल्ली में गैंगरेप की बर्बर घटना हो गई, जिसके बाद शीला दीक्षित ने मन बनाया कि वह ''मैदान छोड़कर नहीं भागेंगी.''

दरअसल दीक्षित ने थकान और सांस लेने में परेशानी की शिकायत की थी. इसके बाद डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनकी दाहिनी धमनी में 90 फीसदी रुकावट है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
दीक्षित ने पिछले साल प्रकाशित अपनी जीवनी ‘‘सिटीजन दिल्ली: माई टाइम्स, माई लाइफ’’ में लिखा, ‘‘मेरे परिवार ने मुझसे कहा था कि मुझे अपनी स्वास्थ्य चिंताओं को दूसरी चीजों से ऊपर रखना होगा. मेरे इस्तीफे का फैसला लगभग तय था. इसके अलावा विधानसभा चुनाव में एक साल का समय था और पार्टी के पास विकल्प खोजने का पर्याप्त समय था.’’ 

हालांकि जैसे ही उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और वह पद छोड़ने के अपने फैसले से पार्टी आलाकमान को सूचित करने वाली थीं, 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में एक लड़की के साथ चलती बस में गैंगरेप की घटना हो गई. मीडिया ने उस लड़की को निर्भया नाम दे दिया था.

इस बारे में दीक्षित ने लिखा, ''निर्भया घटना के बाद, मैं पसोपेश में थी. मेरे परिवार ने मुझे उस समय दिक्कत में देखा था और मुझसे अपना पद छोड़ने का अनुरोध किया था, जैसी कि पहले योजना थी. हालांकि मैं महसूस कर रही थी कि ऐसा कदम मैदान छोड़कर भागने के तौर पर देखा जाएगा. केंद्र नहीं चाहता था कि दोष सीधा उस पर पड़े, और मैं यह अच्छी तरह से जान रही थी कि हमारी सरकार पर विपक्ष द्वारा आरोप लगाया जाएगा, मैंने उसका सामना करने का फैसला किया. किसी को तो आरोप स्वीकार करने थे.’’

इस घटना से दीक्षित बेहद दुखी थीं. उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने तत्काल दिल्ली सरकार और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया ताकि स्थिति का आकलन कर सकूं.’’

वह इस घटना के बाद जंतर मंतर पर जुटे लोगों के पास भी गई थीं. इस बारे में उन्होंने बताया, ''मैं जब जंतर मंतर पहुंची तो मैंने अपनी मौजूदगी के खिलाफ कुछ विरोध महसूस किया लेकिन जब मैंने निर्भया के लिए मोमबत्ती जलाई तो किसी ने भी मेरे खिलाफ नहीं बोला.’’

ये भी देखें: मैं राजनीति में नहीं आना चाहती थी- शीला दीक्षित का पुराना इंटरव्यू

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 21 Jul 2019,07:56 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT