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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्षी पार्टियों को चुनौती देते हुए कहा है कि वो उनकी सरकार गिराकर दिखाएं. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' को दिए एक इंटरव्यू में सीएम ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार 'थ्री-व्हीलर' हो सकती है लेकिन उसका 'स्टीयरिंग व्हील' उनके हाथों में है. ठाकरे ने बताया कि महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी गठबंधन की तीनों पार्टियों में अच्छा कोऑर्डिनेशन है. राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है.
शिवसेना के अध्यक्ष और राज्य के सीएम ठाकरे ने शिवसेना सांसद संजय राउत को दिए इस इंटरव्यू में कहा कि गठबंधन की और दोनों पार्टियों के अनुभवों से फायदा हो रहा है. ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस की नजरअंदाज किए जाने की शिकायत का समाधान भी राज्य के पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद हो गया है.
उद्धव ठाकरे ने कहा, "मेरा एनसीपी चीफ शरद पवार से अच्छा कोऑर्डिनेशन है. कभी-कभी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी कॉल कर लेता हूं."
'सामना' को दिए इंटरव्यू में सीएम ठाकरे ने केंद्र की मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन योजना पर निशाना साधा और इसके जरिए अपनी बात भी रखी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो ऐसी हाई-स्पीड ट्रेन का मुंबई और नागपुर के बीच चलना ज्यादा ठीक समझते हैं.
ठाकरे ने कहा, "अगर बुलेट ट्रेन और थ्री-व्हीलर के बीच चुनाव करना हो तो मैं थ्री-व्हीलर के पक्ष में रहूंगा क्योंकि ये गरीब लोगों के यात्रा करने का साधन है. अगर लोगों को बुलेट ट्रेन नहीं चाहिए, तो नहीं आएगी. हमारी थ्री-व्हीलर सरकार है और वो अगर सही दिशा में जा रही है तो विपक्ष के पेट में क्यों दर्द होता है. हमारी मजबूत सरकार है और मैं दोनों पार्टनर के साथ स्टीयरिंग व्हील पर हूं."
ठाकरे ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "सितंबर-अक्टूबर का इंतजार क्यों करना. अभी सरकार गिरा दीजिए न क्योंकि आपको सरकार गिराने में मजा आता है. कुछ लोगों को कंस्ट्रक्टिव काम करने में आनंद आता है और कुछ को डेसट्रक्टिव. आप कहते हैं कि हमारी सरकार जनतंत्र के मूल्यों के खिलाफ बनी है लेकिन जब आप सरकार गिराते हैं तो वो जनतंत्र है?"
सीएम ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस महामारी से जुड़े फैसलों का नौकरशाहों के हाथों में होने की बात गलत है. ठाकरे ने कहा. "हमारी हैंडलिंग को और खासकर धारावी में जो किया गया, उसकी वाहवाही इंटरनेशनल लेवल पर हुई है. अगर नौकरशाही फैसले ले रही होती तो मेरी तारीफ क्यों होती. सरकार की नीतियां आखिर में नौकरशाह ही लागू करते हैं और सरकार का काम है कि वो अफसरों का साथ दे."
इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर के वर्चुअल शिलान्यास का सुझाव दिया, जिससे कि भीड़ न इकट्ठा हो. ठाकरे ने कहा कि दुनियाभर के हिंदू भूमि पूजन में आना चाहेंगे और जान को खतरे में डालने की जगह शिलान्यास ऑनलाइन करना चाहिए था.
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