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Siachen Day 2023: सियाचीन में कैसे अपनी जान की बाजी लगाकर ड्यूटी करते हैं जवान
39th Siachen Day: सियाचीन ग्लेशियर में लगभग 3000 सैनिक -40 से -50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में हमेशा ड्यूटी देते है
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भारत
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Siachen Day 2023: फोटो में देखें सियाचीन ग्लेशियर में सबसे कठिन ज़िन्दगी की झलक
(फोटो: ट्विटर)
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Siachen Day 20230: हर साल 13 अप्रैल को सियाचिन दिवस (Siachen Day) मनाया जा है. सियाचिन को दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. बता दें पिछले 39 सालों से भारतीय फौज यहां तैनात हैं. सियाचिन दिवस ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) के अंतर्गत भारतीय सेना के साहस कि याद में मनाया जाता है. ग्लेशियर में लगभग 3000 सैनिक हमेशा ड्यूटी पर रहते हैं. यहां मौजूद हरेक सैनिक करीब तीन महीने सेवा देता है.
सियाचिन दिवस दुश्मन से सफलतापूर्वक अपनी मातृभूमि की सेवा करने वाले सियाचिन योद्धाओं को सम्मानित करता है.
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काराकोरम रेंज में लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है
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39 साल पहले सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर कब्जा करने और अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है.
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काराकोरम रेंज में 76.4 किलोमीटर लंबा ग्लेशियर सियाचिन, लगभग 10,000 वर्ग किलोमीटर के निर्जन इलाके को कवर करता है और पाकिस्तान और चीन के साथ दो विवादित सीमाओं पर स्थित है.
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भारत और पाकिस्तान दोनों देश 20,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर इस क्षेत्र में एक स्थायी सैन्य उपस्थिति बनाए रखते हैं.
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पिछले 39 सालों से भारतीय फौज -40 से -50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं.
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सियाचिन में बर्फीले तूफान से दो चार होना पड़ता है.
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सियाचिन दिवस विश्व के सबसे ऊंचे एवं सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने में भारतीय सेना के सैनिकों द्वारा प्रदर्शित साहस और धैर्य की याद दिलाता है