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सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि न्यायपालिका का झगड़ा नहीं सुलझा है.
येचुरी ने ये कहकर खलबली मचा दी है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ बजट सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावना के बारे में वो विपक्षी पार्टियों से बात कर रहे हैं.
सीपीएम महासचिव के मुताबिक न्यायपालिका के बीच झगड़ा सुलझा नहीं है इसलिए इसमें दखल देने की जरूरत है.
येचुरी ने कहा अब कार्यपालिका की भूमिका निभाने का वक्त आ गया है. येचुरी के मुताबिक उनकी विपक्षी दलों से बातचीत जारी है. इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस की भी भूमिका रहेगी, साथ ही इस पर एनसीपी, आरजेडी, समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही है. अगले दो-तीन दिन में इस बारे में ठोस निर्णय लेकर आगे बढ़ने की बात कही जा रही है.
येचुरी ने ये भी कहा कि न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका तीनों की जिम्मेदारी है कि सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जजों ने जो मुद्दा उठाया है उस पर ध्यान दें. चारों जजों ने चीफ जस्टिस के बारे में बहुत गंभीर मुद्दे उठाए हैं. उन्होंने कहा कि चीफ जस्टिस अपनी मर्जी से बेंच को केस अलॉट कर रहे हैं और जस्टिस लोया की मौत से जुड़े मामले हाईकोर्ट से मंगा रहे हैं. सीपीएम महासचिव ने कहा कि इस केस में एक ही विकल्प है, विधायिका अपनी भूमिका निभाए और अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसे ठीक करे.
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