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यह तय माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस में कमिश्नर की जिम्मेदारी संभाल रहे अमूल्य पटनायक 29 फरवरी को कुर्सी खाली कर देंगे. उन्हें केंद्रीय हुकूमत ने दिल्ली विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से निपटवाने के लिए एक महीने का सेवा-विस्तार दिया था, जोकि 29 फरवरी 2020 को पूरा हो रहा है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि अमूल्य पटनायक के बाद कौन? गृह मंत्रालय ने इसका जवाब गुपचुप तरीके से दे भी दिया है.
इस जवाब को समझने वाले समझ गए और जिनकी समझ में नहीं आया, वे अब भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तमाम संभावित नामों को लेकर माथा-पच्ची कर रहे हैं.
इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हवलदार रतन लाल और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के सुरक्षा सहायक अंकित शर्मा भीड़ को मार दिया गया. मंगलवार को श्रीवास्तव को सीआरपीएफ से अचानक वापस लाकर विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) बनाया गया और उसी दिन मोदी के विश्वासपात्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को शांति का संदेश देने के लिए दिल्ली की सड़कों पर खुद उतरना पड़ा.
मतलब जाफराबाद की जलन को कम करने के लिए केंद्रीय हुकूमत द्वारा एक ही रात में अजित डोभाल और एसएन श्रीवास्तव जैसे अनुभवी अधिकारी को दिल्ली की जनता के बीच एक साथ उतारा गया. इसके बाद हिंसा की आग में जल रहे जाफराबाद में शांति छा गई. अब यहां न पथराव है और न ही गोलीबारी. मतलब शाह और मोदी का निशाना सटीक बैठा.
अमूल्य पटनायक के बाद वरिष्ठता क्रम में 1985 बैच के ही अजय कश्यप भी हैं. कश्यप होमगार्ड डीजी के पद से इसी साल मार्च में रिटायर हो रहे हैं. श्रीवास्तव वाले बैच से आने वाले प्रभात सिंह भी दौड़ में हैं. मगर वे भी महानिदेशक (जांच) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से अप्रैल 2020 में रिटायर हो रहे हैं. इस लिहाज से कमिश्नर की कुर्सी के लिए दौड़ में सबसे आगे श्रीवास्तव ही खड़े नजर आ रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्र भी फिलहाल श्रीवास्तव को ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को लेकर आश्वस्त हैं.
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