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वीडियो एडिटर- कनिष्क दांगी
केंद्र सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म और ओटीटी के लिए नई गाइडलाइंस लेकर आई है. डिजिटल न्यूज मीडिया को अब टीवी और अखबार दोनों के नियम पर चलना होगा..फिर तीन लेयर निगरानी भी होगी. अब इन गाइडलाइंस से क्या बदलेगा और हम सबको ये कैसे प्रभावित कर सकता है. इसे समझते हैं.
ये जो नई गाइडलाइन हैं वो तीन अलग-अलग सेक्शन को लेकर है.
थ्री लेवल क्या है?
-सेल्फ रेगुलेशन पब्लिशर करेंगे- मतलब कि, शिकायत निवारण अफसर तैनात करना होगा, 15 दिन में सुनवाई करनी होगी
- सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी- एक ऐसी बॉडी जो रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट जज या कोई बेहद प्रतिष्ठित इंसान इसका नेतृत्व करेगा.
- ओवरसाइट मैकेनिज्म- सरकार कोई ऐसा सिस्टम बनाएगी जो ओवरसाइट करेगा. ये जरा पेंच वाला सिस्टम लग रहा है. आखिर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज के बाद फिर एक ओवरसाइट मैकेनिज्म की जरूरत क्यों? जाहिर है इस पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. लोग कह रहे हैं जब मौजूदा कानूनों के तहत ही इतनी रोक टोक है तो फिर और सख्ती से क्या करेंगे?
जब इस ऐलान के वक्त केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर से पत्रकारों ने पूछा कि डिजिटल मीडिया के लिए गाइडलाइन बनाते वक्त आपने स्टेकहोल्डर्स यानी डिजिटल न्यूज मीडिया के लोगों से बातचीत या परामर्श लिया?
प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ये भी कहते नजर आए कि डिजिटिल मीडिया को अफवाह फैलाने का अधिकार नहीं है. सोशल मीडिया रेगुलेशन का जिक्र करते हुए रविशंकर प्रसाद ये भी कहते दिखे कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को डबल स्टैंडर्ड नहीं करने दिया जाएगा, इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ सोशल मीडिया कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद पुलिस का सपोर्ट कर रहे थे लेकिन दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा में ऐसा नहीं दिखा.
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