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अमेरिका में हुए स्पेलिंग बी प्रतियोगिता (Scripps National Spelling Bee) में पहली बार कोई अफ्रीकी-अमेरिकी चैंपियन बना है. लुइसियाना की 14 साल की जायला एवांट गार्डे पहली अफ्रीकी अमेरिकी है और दूसरी अश्वेत विजेता जिन्होंने स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में जीत हासिल की है.
जायला की इस जीत के साथ 12 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया. दरअसल, पिछले 12 साल से भारतीय-अमेरिकी मूल के छात्र इस प्रतियोगिता को जीतते आए हैं.
अफ्रीकी अमेरिकी जायला जानती थी कि वह स्पेलिंग बी की पहली अफ्रीकी अमेरिकी विजेता होंगी. वह जानती थी कि देश भर के अश्वेत बच्चे उनकी तरफ नजरें जमाए बैठे हैं. इससे पहले साल 1936 में मैकनोलिया कॉक्स पहली ब्लैक फाइनलिस्ट बनी थीं, लेकिन उन्हें नस्लभेद का सामना करना पड़ा था, उन्हें उस होटल में रुकने की इजाजत नहीं मिली थी जिसमें बाकी प्रतियोगी थे.
लेकिन जायला ने कभी भी इन बातों को अपने लिए बहुत मुश्किल नहीं होने दिया. जायला को जीतने के लिए ‘‘मुरैया’’ शब्द की स्पेलिंग करनी थी. जब जायला ने सुना कि जीतने वाला शब्द- "मुरैया-एशियाई और ऑस्ट्रेलियाई पेड़ों की एक प्रजाति" है, उसने बिना वक्त गंवाए ये खिताब अपने नाम कर लिया. जायला एक दिन में 13,000 शब्दों का अभ्यास करती थी.
इस साल ‘स्पेलिंग बी’ प्रतियोगिता (National Spelling Bee) के लिए चुने गए अंतिम 11 छात्रों में नौ भारतीय-अमेरिकी थे.
अमेरिका में इस प्रतियोगिता का महत्व आप इस बात से समझ सकते हैं कि अमेरिका की प्रथम महिला यानी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी जिल बाइडन ने स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी के फाइनल में पहुंचने वाले सभी प्रतिभागियों से मुलाकात की.
जिल बाइडन ने कहा, ‘‘मैं आपको यह बताने के लिए व्यक्तिगत तौर पर यहां मौजूद रहना चाहती हूं कि राष्ट्रपति और मुझे आप सभी पर बहुत गर्व है.’’
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